कोटा, 21 नवंबर (भाषा) कोटा में आयोजित तीन दिवसीय एक धार्मिक कार्यक्रम में लोगों को धर्म बदलने के लिए उकसाने के आरोप में एक पादरी समेत दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार रात को लागू किए गए नए ‘राजस्थान अवैध धर्म संपरिवर्तन निषेध अधिनियम’ के तहत मामला दर्ज किया गया।
दो आरोपियों में से एक दिल्ली का और दूसरा एक स्थानीय चर्च का है। इन दोनों ने राजस्थान सरकार को कथित तौर पर ‘शैतान का राज’ बताया और एक चर्च में हिंदू समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
आपत्तिजनक टिप्पणियों वाले वीडियो इंटरनेट पर सामने आने के बाद हिंदू संगठनों के स्वयंसेवकों ने बोरेखेड़ा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
बोरेखेड़ा के क्षेत्र अधिकारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बृहस्पतिवार रात प्राथमिकी दर्ज की। उन्होंने बताया कि दिल्ली के लक्ष्मीनगर निवासी पादरी चांदी वर्गीज और कोटा के बीरशेबा चर्च के अरुण जॉन पर भारतीय न्याय संहिता और राजस्थान के धर्मांतरण निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
भारद्वाज ने कहा कि जांच जारी है।
प्राथमिकी के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने चार से छह नवंबर के बीच कैनाल रोड पर बीरशेबा चर्च में ‘धार्मिक प्रवचन’ के बहाने लोगों को इकट्ठा किया था।
इसमें कहा गया है कि तीन दिन के इस कार्यक्रम के दौरान दोनों आरोपियों ने लोगों को धर्म बदलने के लिए उकसाने वाले भाषण दिए।
पुलिस के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में बजरंग दल के प्रांतीय संयोजक योगेश रेनवाल ने वीडियो क्लिप के साथ इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें पादरी चांदी वर्गीज पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने लोगों को यह कहकर भड़काया कि, ‘‘कल राजस्थान में ईसाई धर्म बढ़ने वाला है। राजस्थान के लोग पाप की बेड़ियों से आजाद हो जाएंगे। राजस्थान में शैतान का राज है। इसे हटाकर और यहां ईसाई धर्म लागू करके, प्रभु यीशु ईसाइयों के तौर पर राज करेंगे।’’
भाषा संतोष सुभाष
सुभाष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
