नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) भाजपा ने शुक्रवार को कांग्रेस पर प्रहार करते हुए इसे ‘‘देशद्रोहियों की सेना’’ बताया। सत्तारूढ़ दल की यह टिप्पणी कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा चिली की पूर्व राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार मामलों की पूर्व प्रमुख मिशेल बैचलेट को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार दिए जाने के बाद आई।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कार्यक्रम में जगदीश टाइटलर की मौजूदगी को लेकर भी कांग्रेस की आलोचना की और सवाल किया कि क्या सोनिया गांधी को 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों का दर्द महसूस नहीं होता।
पुरस्कार विजेता बैचलेट को लेकर भाजपा की आपत्ति उनकी उस टिप्पणी से संबंधित है जिसमें उन्होंने 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद कश्मीर में ‘लॉकडाउन’ और अन्य बातों पर चिंता व्यक्त की थी।
गांधी ने बैचलेट को वर्ष 2024 का पुरस्कार बुधवार को यहां एक कार्यक्रम में प्रदान किया था।
भाटिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस का डीएनए भारत विरोधी है। इसने मिशेल बैचलेट को पुरस्कार प्रदान किया, जो भारत की संप्रभुता पर हमला करती हैं।’’
यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में भाटिया ने कहा कि “नकली गांधी परिवार” की रगों में “देशद्रोहियों का खून” दौड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है। यह कांग्रेस पार्टी भारत विरोधी ताकतों और हत्यारों के साथ खड़ी है।’’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कांग्रेस देशद्रोहियों की सेना है। वे केवल सत्ता चाहते हैं जिसके लिए वे सारी हदें पार कर सकते हैं।’’
भाटिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की पूर्व मानवाधिकार प्रमुख बैचलेट ने अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध किया था और कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया था तथा असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के कार्यान्वयन पर भी आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नहीं पता कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद असम में एनआरसी लागू हो रहा है? यह महिला (बैचेलेट) कौन होती हैं यह कहने वाली कि एनआरसी लागू होने पर अशांति फैलेगी?’’
भाटिया ने यह भी सवाल उठाया कि क्या सोनिया गांधी को बैचलेट को पुरस्कार देने का ‘‘अधिकार’’ है, जो ‘‘भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, भारतीय संविधान और हमारे जनादेश का अपमान करती हैं’’।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या सोनिया गांधी अब भी उस देश में खुद को भारतीय नहीं मानतीं जिसने उन्हें सम्मान दिया? क्या यह उनके द्वारा ली गई संविधान की शपथ का उल्लंघन नहीं है?’’
भाटिया ने आरोप लगाया कि पुरस्कार प्रदान करने से यह संकेत मिलता है कि गांधी के लिए “उनका जन्मस्थान अब भी सर्वोच्च है, न कि भारतीय संविधान।”
उन्होंने कहा, ‘‘वह जिस धर्म का पालन करती है, वही उनके लिए सबकुछ है।’’
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नेत्रपाल सुभाष
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