नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. यह कदम भगोड़े हथियार कारोबारी संजय भंडारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के हिस्से के रूप में उठाया गया है, जो वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में हैं.
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के जेठ-भाई रॉबर्ट वाड्रा को इस साल एजेंसी ने दो बार चार्ज किया है. पहले, ईडी ने उन्हें हरियाणा के शिकोहपुर में जमीन के सौदे से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में आरोपी बनाया था.
ईडी ने भंडारी के खिलाफ अपनी अभियोजन शिकायत में शनिवार को कहा कि रॉबर्ट वाड्रा ने संजय भंडारी को लंदन की एक आलीशान संपत्ति बनाए रखने में मदद की. इस संपत्ति को “अपराध से प्राप्त संपत्ति” बताया गया है.
एजेंसी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि वाड्रा को इस साल जुलाई में ईडी के जांचकर्ताओं ने सामना किया था.
अभियोजन शिकायत से परिचित ईडी सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “जमा किए गए सबूत बताते हैं कि रॉबर्ट वाड्रा ने संजय भंडारी द्वारा खरीदी गई संपत्ति का अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए लाभ उठाया. चूंकि यह पाया गया कि रॉबर्ट वाड्रा के पास अपराध से प्राप्त संपत्ति थी, इसलिए एक पूरक अभियोजन शिकायत दायर की गई है.”
वाड्रा ने पहले लंदन में अपनी संपत्ति और संसाधन होने से इनकार किया था, चाहे सीधे हों या परोक्ष रूप से.
दिप्रिंट ने उनके वकील से नवीनतम अभियोजन शिकायत पर प्रतिक्रिया मांगी है, उनका जवाब आने पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.
विशेष PMLA न्यायाधीश संभवतः मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को करेंगे.
केस
प्रवर्तन निदेशालय की जांच मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत शुरू हुई है. यह जांच एक अभियोजन शिकायत (सरकारी एजेंसी का चार्जशीट जैसा दस्तावेज़) से शुरू हुई थी, जिसे इनकम टैक्स विभाग ने संजय भंडारी के खिलाफ ब्लैक मनी (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और टैक्स लगाने के अधिनियम, 2015 की धारा 51 के तहत दायर किया था.
ईडी ने जून 2020 में भंडारी के खिलाफ अपनी पहली अभियोजन शिकायत में कहा था कि हथियार कारोबारी ने विदेशी निवेश और संपत्तियों का खुलासा किया था, जिसमें ब्रायनस्टन स्क्वायर संपत्ति और लंदन में दूसरी संपत्ति शामिल थी.
रॉबर्ट वाड्रा ने कथित तौर पर ब्रायनस्टन स्क्वायर संपत्ति को खरीदा और उसमें फर्नीचर भी लगाया. हालांकि, यह संपत्ति भंडारी के नाम पर 1.9 मिलियन जीबीपी (ग्रेट ब्रिटिश पाउंड) में हासिल की गई थी.
उक्त सूत्र ने कहा, “वह संपत्ति के इंटीरियर्स के बारे में निर्णय लेते थे और संपत्ति में रहते थे, भले ही संपत्ति का मालिकाना हक संजय भंडारी से सीसी थंपि और फिर चेरु के नाम बदलता रहा. ईडी द्वारा जुटाए गए सबूतों से पता चला कि रॉबर्ट वाड्रा ने इन सभी समयों में इस संपत्ति का उपयोग किया, जब संपत्ति बेनामी नामों में थी,” ऊपर बताये गए स्रोत ने कहा.
संयुक्त अरब अमीरात स्थित एनआरआई चेरुवथुर चाकुट्टी थंपि (सीसी थंपि) और ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा दो अन्य व्यवसायी हैं, जिन्हें ईडी ने बाद में नवंबर 2023 में इस मामले की कार्यवाही के तहत चार्ज किया. ईडी ने थंपि को वाड्रा का करीबी सहयोगी बताया है और वह वाड्रा की यूएई स्थित कंपनी, स्काई लाइट इन्वेस्टमेंट एफजेडई का एकमात्र शेयरधारक है.
यूनाइटेड किंगडम की हाई कोर्ट ने इस साल फरवरी में भारत की संजय भंडारी के प्रत्यर्पण की याचिका खारिज कर दी थी. दिल्ली की एक अदालत ने जुलाई में ईडी की याचिका पर भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया.
नवंबर 2023 की अभियोजन शिकायत में ईडी ने प्रियंका गांधी वाड्रा का भी ज़िक्र किया. हालांकि, उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि उन्होंने 2006 में हरियाणा के फरीदाबाद में रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से 40 कनाल जमीन खरीदी थी. बताया गया कि पाहवा से ही वाड्रा और थंपि ने हरियाणा में कृषि भूमि के टुकड़े खरीदे थे.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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