नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘पॉडकास्टर’ एवं उद्यमी राज शमानी के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करते हुए सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कुछ आपत्तिजनक पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है।
अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया उसका मानना है कि शमानी भारत में एक जाना-माना चेहरा हैं, खासकर ‘कंटेंट’ तैयार करने के क्षेत्र में। अदालत ने कहा कि शमानी ने अपने सफल करियर के दौरान साख और प्रतिष्ठा अर्जित की है और उन्हें बिना उनकी अनुमति तीसरे पक्ष द्वारा वाणिज्यिक लाभ के लिए उनके व्यक्तित्व अधिकारों के उपयोग पर रोक लगाने का हक है।
अदालत ने कहा कि प्रारंभिक दृष्टि में ‘पॉडकास्टर’ के व्यक्तित्व लक्षण, जिनमें उनका नाम, रूप, आवाज और छवि शामिल हैं, उनके व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए जरूरी तत्व हैं।
न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा ने 17 नवंबर को पारित और बृहस्पतिवार को उपलब्ध कराये गये आदेश में कहा कि वादी नंबर 1 (शमानी) को भी छेड़छाड़ की गई और विकृत सामग्री के खिलाफ खुद को बचाने का हक है।
अदालत ने शमानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें उनकी सहमति के बिना उनकी छवि, व्यक्तित्व, समानता और आवाज के अनधिकृत इस्तेमाल पर रोक लगाने और एआई-जनित सामग्री के खिलाफ निषेधाज्ञा आदेश देने का अनुरोध किया गया था।
अदालत ने उनकी शिकायत को एक मुकदमे के रूप में भी पंजीकृत किया, जिसमें उन्होंने प्रतिवादियों के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन, कॉपीराइट उल्लंघन, सामान्य कानून अधिकारों का उल्लंघन, व्यक्तित्व (प्रचार) अधिकारों के दुरुपयोग, कलाकारों के अधिकार आदि पर रोक लगाने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा जारी करने का अनुरोध किया है।
अदालत ने सोशल मीडिया इकाइयों को एआई और ‘डीपफेक’ के माध्यम से उत्पन्न आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का निर्देश दिया।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 24 अप्रैल, 2026 तय की है।
भाषा
देवेंद्र अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
