नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत आज इंफाल गए हैं—मई 2023 में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद यह उनका राज्य का पहला दौरा होगा. अपने दौरे के दौरान, सरसंघचालक कई सामुदायिक संगठनों और अलग-अलग समूहों से मिलेंगे. इसे हिंदू बहुल मैतेई समुदाय और आदिवासी ईसाई कुकी-जो समुदायों के बीच सुलह कराने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
संघर्ष के बाद, मणिपुर में जातीय आधार पर बंटवारा हो गया. मैतेई अब इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि घाटी में रहने वाले कुकी-जो समुदाय के लोग वापस पहाड़ी इलाकों में चले गए हैं.
भागवत का तीन-दिवसीय दौरा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संगठन महासचिव बी.एल. संतोष और पार्टी के नॉर्थईस्ट कोऑर्डिनेटर संबित पात्रा के पिछले हफ्ते हुए मणिपुर दौरे के ठीक बाद हो रहा है. उनका मकसद यह आकलन करना था कि क्या नई लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए स्थितियां सही हैं.
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है और विधानसभा फरवरी से निलंबित स्थिति में है, जब बीजेपी के एन. बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
जहां मणिपुर के बीजेपी विधायक लोकप्रिय सरकार बनाने का दबाव डाल रहे हैं, वहीं सुरक्षा एजेंसियां चाहती हैं कि राष्ट्रपति शासन कुछ और समय जारी रहे. यही वजह है कि केंद्र सरकार नई सरकार बनाने पर निर्णय लेने में हिचकिचा रही है, जबकि 60 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को बहुमत हासिल है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा भी शुक्रवार को राज्य के दौरे पर रहेंगे, जो भागवत के दौरे के साथ होगा.
हालांकि, नड्डा इंफाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं, लेकिन राज्य बीजेपी नेताओं का कहना है कि वे भागवत से भी मिलने की संभावना रखते हैं.
आरएसएस पदाधिकारियों ने कहा कि भागवत का मणिपुर दौरा संगठन के शताब्दी वर्ष से जुड़े कार्यक्रमों का हिस्सा है. संघ की नॉर्थईस्ट इकाई द्वारा जारी एक प्रेस बयान में कहा गया, “वे ‘पंच परिवर्तन’ यानी पांच बड़े परिवर्तनकारी कार्यों पर चर्चा करेंगे, जो आरएसएस के शताब्दी वर्ष के उपक्रमों के तहत किए जा रहे हैं.”
मणिपुर में एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि भागवत इंफाल में ही ठहरेंगे. वे पहाड़ी जिलों, जहां आदिवासी कुकी-जो और नागा समुदाय अधिक रहते हैं—नहीं जाएंगे. वे इंफाल में ही आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे.
भागवत की प्रमुख नागरिकों, उद्यमियों, पत्रकारों और युवा नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकों की भी व्यवस्था की गई है. वे आखिरी बार 2022 में मणिपुर आए थे.
आरएसएस प्रमुख इस समय नॉर्थईस्ट आउटरीच के तहत असम में हैं. बुधवार को उन्होंने गुवाहाटी में एक यूथ लीडरशिप कॉन्क्लेव को संबोधित किया, जहां उन्होंने असम और नॉर्थईस्ट के युवाओं से आग्रह किया कि वे आरएसएस के बारे में पूर्वधारणाओं या प्रेरित प्रचार के आधार पर अपनी राय न बनाएं.
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