नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) नामित अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन पी बी नायर और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने बुधवार को कहा कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शासन के भविष्य को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गगनयान मिशन 1957 की स्पुतनिक सफलता की तरह एक ‘‘गगनयान क्षण’’ होगा।
भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) द्वारा आयोजित भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन (आईआईएससी) 2025 के दूसरे दिन नायर ने कहा कि यह ‘केवल भारत की नहीं, बल्कि दुनिया की आवश्यकता है’ कि भारतीय अंतरिक्ष में जाए, क्योंकि अंतरिक्ष के लिए वैश्विक नियमों को फिर से लिखा जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में शामिल नहीं हो पाए। इस बार, जब अंतरिक्ष से संबंधित नए कानून लिखे जाएंगे, तो हमें उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होना होगा, और उन सभी का प्रतिनिधित्व करना होगा जो अभी वहां नहीं हैं।’
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में भारत की उपस्थिति समावेशिता, समता और वैश्विक सहयोग के मूल्यों को स्थापित करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा से अंतरिक्ष में रहे हैं-हम इतने आगे थे कि हमने दुनिया को हमारे साथ आने का मौका देने के लिए थोड़ा आराम किया। अब हमें अपनी मूल्य प्रणालियों और भारतीय ज्ञान को अपनी अंतरिक्ष यात्रा में फिर से शामिल करना होगा।’
नामित अंतरिक्ष यात्री अंगद प्रताप ने कहा कि भारत अपने अंतरिक्ष लक्ष्यों के प्रति बहुत स्पष्ट रहा है, जिसे मजबूत सरकारी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि गगनयान कार्यक्रम और प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट को मंजूरी देना इस बात को दर्शाता है।
वैश्विक सहयोग, समावेशिता और क्षमता पर जोर के साथ सम्मेलन का समापन हुआ। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में 1,000 से ज़्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें अंतरिक्ष यात्री, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख, अधिकारी, विदेशी गणमान्य व्यक्ति और स्टार्टअप संस्थापक शामिल थे।
भारत 2027 की शुरुआत में अपनी पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी कर रहा है, जिसके तहत इसरो दो अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ दिनों के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने की योजना बना रहा है। इस मिशन के लिए चार नामित अंतरिक्ष यात्री हैं: ग्रुप कैप्टन पी बी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला।
भाषा आशीष माधव
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