प्रयागराज, 19 नवंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की कार्यकारी परिषद को संस्थान के एक शिक्षक की प्रोन्नति पर पुनर्विचार करते हुए अंतिम निर्णय करने के अपने आदेश का अनुपालन करने का आखिरी अवसर दिया है।
डॉक्टर सुशील कुमार दूबे द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने कहा, “प्रतिवादी के वकील ने नौ अक्टूबर के कार्यकारी परिषद का प्रस्ताव पेश किया जिसमें परिषद ने याचिकाकर्ता को सहायक प्रोफेसर (चरण-3) के पद पर प्रोन्नत करने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय के लिए एक वरिष्ठ अधिवक्ता से कानूनी राय लेने की बात की है और आदेश का अनुपालन करने के लिए एक महीने का समय मांगा है।”
अदालत ने कहा, “हमारे विचार से कार्यकारी परिषद द्वारा याचिकाकर्ता की प्रोन्नति पर पुनर्विचार के लिए प्रतिवादी को पहले ही पर्याप्त समय दिया जा चुका है। हालांकि, अंतिम अवसर के तौर पर प्रतिवादी को एक महीने का और समय दिया जाता है।”
अदालत ने 12 नवंबर के अपने आदेश में कहा, “अगली तिथि तक यदि कार्यकारी परिषद द्वारा अंतिम निर्णय इस अदालत के समक्ष पेश नहीं किया जाता है तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति इस अदालत के समक्ष पेश होंगे।”
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 13 दिसंबर 2025 तय की।
भाषा राजेंद्र नोमान
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