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Wednesday, 19 November, 2025
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भारतीय कंपनियां साइबर खतरों, डेटा गोपनीयता के खतरों से निपटने पर दे रही सबसे अधिक ध्यान: सर्वे

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मुंबई, 19 नवंबर (भाषा) देश की अधिकतर कंपनियां साइबर और डेटा गोपनीयता के खतरों से निपटने पर प्राथमिकता से ध्यान दे रही हैं। बुधवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।

बढ़ते डिजिटल व्यवधानों, प्रतिभा चुनौतियों एवं नियामकीय जटिलताओं के बीच वैश्विक व्यावसायिक सेवा कंपनी एओन के 2025 वैश्विक जोखिम प्रबंधन सर्वेक्षण के अनुसार, ‘‘ साइबर हमले एवं डेटा उल्लंघन ’’ भारतीय व्यवसायों के लिए चिंता को सबसे बड़ा विषय बने हुए हैं। साथ ही ‘‘ डेटा गोपनीयता आवश्यकताएं/गैर-अनुपालन’’ एक बड़ी चिंता बनकर उभरी हैं जो वैश्विक एवं स्थानीय नियामकीय ढांचे के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

इसमें यह भी खुलासा हुआ कि प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने की चुनौतियां बनी हुई हैं जबकि ‘‘विनिमय दर में उतार-चढ़ाव’’ एशिया के बाकी हिस्सों की तुलना में भारत में अधिक स्पष्ट है।

एओन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत) ऋषि मेहरा ने कहा, ‘‘भारतीय व्यवसाय डिजिटल व्यवधान, प्रतिभा अनुकूलनशीलता और भू-राजनीतिक बदलावों के सामने उल्लेखनीय चपलता का प्रदर्शन कर रहे हैं। चूंकि साइबर हमले और एवं डेटा गोपनीयता जोखिम व्यापकता तथा प्रभाव दोनों के मामले में लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए संगठनों को न केवल इससे निपटने की अपनी क्षमता को मजबूत करना होगा बल्कि इन चुनौतियों के साथ तेजी से तालमेल बैठाना होगा।’’

उन्होंने कहा कि मजबूत जोखिम प्रबंधन रणनीतियों में निवेश करके एवं दूरदर्शी मानसिकता को बढ़ावा देकर, भारतीय कंपनियां आज के जटिल माहौल में बेहतर ढंग से काम कर सकती हैं और दीर्घकालिक सफलता के लिए खुद को तैयार कर सकती हैं।

यह द्विवार्षिक सर्वेक्षण भारत सहित 63 देशों के करीब 3,000 जोखिम प्रबंधकों, ‘सी-सूट’ (किसी कंपनी के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों का समूह) दिग्गजों और अधिकारियों की अंतर्दृष्टि पर आधारित है।

सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकतर भारतीय कंपनियां अपनी जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को औपचारिक रूप दे रहे हैं। सर्वेक्षण में शामिल 70 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने समर्पित जोखिम प्रबंधन एवं बीमा विभाग स्थापित किए हैं जबकि 64.9 प्रतिशत कंपनियां बीमा योग्य जोखिम की कुल लागत का नियमित रूप से आकलन कर रही हैं और उनमें से अधिकतर ने इस लागत में बढ़ोतरी दर्ज की है।

भाषा निहारिका अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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