(तस्वीरों के साथ) … अपराजिता उपाध्याय …
ग्रेटर नोएडा, 18 नवंबर (भाषा) इस साल की शुरुआत में जब दुनिया नये साल का स्वागत कर रही थी तब पूर्व विश्व युवा चैंपियन मुक्केबाज अरुंधति चौधरी मुंबई के एक अस्पताल में बायें हाथ की कलाई की सर्जरी से गुजर रही ही। इस सर्जरी के दौरान उनकी कलाई को ठीक करने के लिए एक प्लेट और सात स्क्रू की मदद लेनी पड़ी जो उनके लिए काफी पीड़ादायक था। अरुंधति ने मंगलवार को अपनी सर्जरी को याद करते हुए कहा, ‘‘मुझे तीन महीने तक पूरी तरह आराम करने की सलाह दी गई थी। मैं अपना हाथ भी नहीं हिला पा रही थी और वापसी को लेकर काफी आशंका में थी। इससे पहले पेरिस ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने का मेरा सपना भी टूट गया था। पिछले डेढ़ साल ने कोटा की इस 23 वर्षीय खिलाड़ी की कड़ी परीक्षा ली है। मई 2024 में ओलंपिक के अंतिम क्वालीफायर में प्री-क्वार्टर फाइनल में हार के बाद उन्हें पेरिस ओलंपिक की दौड़ से उन्हें बाहर होना पड़ा था। इसके उनके मुख्य बायें हाथ में चोट लग गई। इस चोट से उबरने का सर्जरी ही एकमात्र विकल्प था। इस दौरान वह मां की तबीयत बिगड़ने से भी परेशान रही। अरुंधति ने कहा, ‘‘इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टरों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि प्रतिस्पर्धा में वापसी में कम से कम एक साल लगेगा। लेकिन मंगलवार को लगभग 18 महीनों में अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में अरुंधति ने अपनी ख्याति के मुताबिक प्रदर्शन किया। उन्होंने विश्व कप पदक विजेता लियोनी मुलर को आरएससी (रेफरी द्वारा मुकाबला रोके जाने) से शिकस्त देकर विश्व कप फाइनल्स के 70 किग्रा के खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह डेढ़ साल बाद मेरी अंतरराष्ट्रीय वापसी है और मुझे आरएससी से जीतने की बहुत खुशी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं घबराई हुई थी, लेकिन फिर मैंने खुद को याद दिलाया कि मैंने इस पल के लिए डेढ़ साल इंतजार किया था। यह मेरे लिए बहुत मुश्किल समय रहा है। जब मैं पेरिस क्वालीफायर के लिए गई थी, तब मुझे यह भी खबर मिली थी कि मेरी मां आईसीयू में हैं। यह जीत उनके लिए है।’’ भाषा आनन्द सुधीरसुधीर
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