बेंगलुरु, 18 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने तीन प्रमुख नीतियां सूचना प्रौद्योगिकी नीति, स्पेसटेक नीति और स्टार्टअप नीति मंगलवार को पेश की। इसका मकसद राज्य को नवाचार और गहन प्रौद्योगिकी समाधान के लिए एक वैश्विक गंतव्य में बदलना है।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि इससे भारत के अग्रणी प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में राज्य की स्थिति मजबूत होगी। कर्नाटक ‘‘न केवल वैश्विक प्रौद्योगिकी क्रांति का हिस्सा बन रहा है, बल्कि इसका नेतृत्व भी कर रहा है।’’
मुख्यमंत्री ने यह बात यहां कर्नाटक इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी एवं बीटी विभाग और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) द्वारा आयोजित ‘बेंगलुरु प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन’ के 28वें संस्करण के उद्घाटन के दौरान कही।
कर्नाटक के हमेशा नीतिगत नवाचार में भारत का नेतृत्व करने की बात का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ हमने 1997 में भारत की पहली आईटी नीति शुरू की और नई नीतियों के साथ इस नेतृत्व को जारी रखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस शिखर सम्मेलन में, हम तीन परिवर्तनकारी नीतियां कर्नाटक सूचना प्रौद्योगिकी नीति 2025-2030, स्पेसटेक नीति 2025-2030 और स्टार्टअप नीति 2025-2030 पेश करने के साथ एक ऐतिहासिक कदम उठा रहे हैं। इस डेटा-संचालित, उभरती हुई प्रौद्योगिकी-तैयार कर्नाटक सूचना प्रौद्योगिकी नीति के साथ हमारा लक्ष्य राज्य को नवोन्मेषण एवं गहन प्रौद्योगिकी के लिए एक वैश्विक गंतव्य में तब्दील करना है।’’
‘फ्यूचराइज’ (भविष्य-उन्मुख) विषय पर आधारित तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेता, नीति-निर्माता, निवेशक, स्टार्टअप और नवप्रवर्तक…डीपटेक, बायोटेक और हेल्थटेक, सेमीकंडक्टर और स्टार्टअप इनोवेशन के क्षेत्र में उभरती संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक साथ आएंगे।
सिद्धरमैया ने कहा कि कर्नाटक अपनी स्थिरता एवं पारदर्शिता के कारण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह, वैश्विक साझेदारी और बहुराष्ट्रीय निवेश के लिए भारत के शीर्ष राज्यों में से एक बना हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह परिवेश विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग, पारदर्शी नीति, मजबूत आईपी संस्कृति और जीवंत वैश्विक समुदायों का मिश्रण है। हमारा कारोबारी माहौल शीर्ष स्तरीय कानूनी, वित्तीय और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता के साथ-साथ मजबूत वैश्विक संपर्क द्वारा समर्थित है।’’
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार, बड़े एवं मझोले उद्योग मंत्री एम. बी. पाटिल, आईटी मंत्री प्रियांक खरगे और बायोकॉन प्रमुख किरण मजूमदार-शॉ और इन्फोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन जैसे उद्योग जगत के दिग्गज शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले गणमान्य लोगों में शामिल हैं।
इसमें 80 से अधिक ज्ञान सत्र, 5,000 से अधिक ‘क्यूरेटेड’ बैठकें आयोजित की जाएंगी। 60 देशों सहित भारत के सभी 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागी इसमें शिरकत करेंगे।
इसके अलावा अग्रणी प्रौद्योगिकी राष्ट्रों अमेरिका, क्यूबा, उरुग्वे, रूस, ब्रिटेन, इजराइल, बेल्जियम, फिनलैंड, फ्रांस, यूरोपीय संघ, दुबई, शारजाह, दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर और थाइलैंड के प्रतिनिधिमंडल इसमें शामिल होंगे।
भाषा निहारिका
निहारिका अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
