बेंगलुरु/ नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि वह अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल के संबंध में कांग्रेस आलाकमान के फैसले का अनुपालन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पार्टी नेतृत्व ने उनसे चार-पांच महीने पहले यह (मंत्रिमंडल में फेरबदल की) प्रक्रिया करने को कहा था, लेकिन उन्होंने सरकार के 2.5 साल पूरे करने पर जोर दिया था।
सिद्धरमैया ने यह बात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात से पहले कही। उन्होंने इस मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया। पिछली यात्रा के दौरान वह खरगे से नहीं मिल पाए थे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले सप्ताह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में केवल बिहार चुनाव के बारे में चर्चा हुई थी तथा किसी अन्य मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई थी।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के नवंबर में पांच साल के कार्यकाल में से ढाई साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच ये बैठकें महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं, जिसे कुछ लोग ‘नवंबर क्रांति’ के रूप में संदर्भित कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के बीच कथित तौर पर समझौता हुआ था जिसमें ढाई-ढाई साल पर मुख्यमंत्री बदलने का प्रावधान था।
सिद्धरमैया से जब पूछा गया कि क्या वह खरगे के साथ मंत्रिमंडल फेरबदल पर चर्चा करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने राहुल गांधी से चर्चा नहीं की है। अगर खरगे कहेंगे, तो मैं उनसे बात करूंगा।’’
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘चार-पांच महीने पहले, आलाकमान ने मुझसे फेरबदल करने को कहा था। मैंने कहा था, अभी उचित नहीं है, ढाई साल बाद करते हैं, और आलाकमान ने मान लिया था। अब 20 नवंबर को सरकार के ढाई साल पूरे हो जाएंगे। आलाकमान जो भी कहेगा, मैं मानूंगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह खरगे के साथ बैठक के दौरान मंत्रिमंडल में फेरबदल का मुद्दा उठाएंगे, उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थिति पर निर्भर करेगा।’’
पार्टी के कई अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, यदि कांग्रेस नेतृत्व मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंजूरी दे देता है, तो यह संकेत होगा कि निवर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे डीके शिवकुमार के इस प्रतिष्ठित पद पर आसीन होने की संभावना समाप्त हो जाएगी।
मंत्रिमंडल फेरबदल में मंत्री पद के आकांक्षी कई नेताओं के शामिल होने के सवाल पर सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हमारे पास 142 विधायक हैं, वे सभी (मंत्री बनने के लिए) योग्य और पात्र हैं।’’
मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान अपनाए जाने वाले फॉर्मूले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह आलाकमान की राय पर आधारित होगा।’’
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की रविवार को खरगे से मुलाकात के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे बैठक की जानकारी है, मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या चर्चा की। वह (खरगे) हमारे एआईसीसी अध्यक्ष हैं।’’
सिद्धरमैया ने इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान राज्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और एक व्यापक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य की कई पुरानी मांगों पर जोर दिया गया, जिनमें रायचूर में एम्स की स्थापना, बाढ़ राहत के लिए 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी करना और महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देना शामिल है।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया है कि वह बैठक के दौरान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर गौर करेंगे और उनका समाधान करने का प्रयास करेंगे।
भाषा धीरज नेत्रपाल
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