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Saturday, 16 November, 2024
होम50 शब्दों में मतफारूक अब्दुल्ला से नेताओं का मिलना एक शुरुआत, कश्मीर की राजनीति को पटरी पर लाने की ज़रूरत

फारूक अब्दुल्ला से नेताओं का मिलना एक शुरुआत, कश्मीर की राजनीति को पटरी पर लाने की ज़रूरत

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रतिनिधिमंडल की बैठक एक अच्छी शुरुआत है. सरकार कश्मीर के विशेष दर्जा ख़त्म होने के कारण कमजोर पड़े राजनयिक और सुरक्षा का प्रबंधन कर रही है.लेकिन, कश्मीर में बंदिशों को अब 60 से अधिक दिन हो गए हैं, लेकिन छिन्न भिन्न हुई राजनीतिक प्रक्रिया को फिर से शुरू करने में समय बर्बाद नहीं किया जा सकता है.

आरबीआई के नए आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकों और बाज़ारों को तत्काल सुधार की आवश्यकता है

बैंक क्रेडिट पर आरबीआई का नया डेटा चिंताजनक गिरावट को दर्शाता है. आपूर्ति और मांग दोनों इसका कारण हैं. अर्थव्यवस्था में मंदी के साथ, कार्यशील पूंजी और निवेश के वित्तपोषण के लिए मांग कम हो जाती है. वित्तीय क्षेत्र, बैंकों और बाजारों के दोनों क्षेत्रों में तत्काल सुधार की आवश्यकता है.

आरे मामले में जल्दबाज़ी और कश्मीर में देरी दिखाती है कि सर्वोच्च न्यायालय को नागरिक स्वतंत्रता की चिंता नहीं

जिस तेजी से सर्वोच्च न्यायालय ने मुम्बई के आरे जंगल के मामले का संज्ञान लिया और पेड़ गिरानी की कार्यवाई रोकी वो तेज़ी कश्मीर के हेबियस कोर्पस मामले में दिखाई नहीं दी. ये न केवल सर्वोच्च न्यायालय की गलत प्राथमिकताओं को दर्शाता है पर ये भी दिखाता है कि नागरिक स्वतंत्रता जैसे महत्वपूर्ण मामलों में उसको जो भूमिका निभानी चाहिए थे वो नहीं निभा रही है.

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