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Monday, 17 November, 2025
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राष्ट्रीय प्रगति के साथ क्षेत्रीय मजबूती मोदी सरकार का स्पष्ट लक्ष्य: अमित शाह

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(तस्वीरों के साथ)

फरीदाबाद (हरियाणा), 17 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है कि राष्ट्रीय प्रगति के साथ-साथ क्षेत्रीय मजबूती हो और हर क्षेत्र में भारत का वैश्विक नेतृत्व होना चाहिए।

शाह ने राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी राज्यों को जल संसाधन प्रबंधन और जल संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए आपसी समन्वय से काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य स्पष्ट है – राष्ट्रीय प्रगति के साथ-साथ क्षेत्रीय मजबूती और हर क्षेत्र में भारत का वैश्विक नेतृत्व, जो हमें एक महान भारत के निर्माण की ओर ले जाएगा।’’

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (हरियाणा), सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश), भगवंत मान (पंजाब), भजन लाल शर्मा (राजस्थान), रेखा गुप्ता (दिल्ली), उमर अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर), पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (जम्मू-कश्मीर), वी के सक्सेना (दिल्ली) और कविंद्र गुप्ता (लद्दाख) ने बैठक में हिस्सा लिया।

गृह मंत्री ने कहा कि सहकारिता, कृषि और मत्स्य पालन के माध्यम से गरीबी उन्मूलन हो रहा है और रोजगार बढ़ रहा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र ‘सहकार से समृद्धि’ का उल्लेख करते हुए कहा कि सहकारी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ-साथ रोजगार – विशेषकर स्व-रोजगार – में वृद्धि के माध्यम से ही देश विकसित भारत के सपने को साकार कर सकता है।

शाह ने कहा कि अकेले जीडीपी किसी देश की समृद्धि का सूचक नहीं है, सच्ची समृद्धि तभी प्राप्त होती है जब प्रत्येक व्यक्ति गरीबी रेखा से ऊपर उठ जाए।

उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए देश भर में 57 कदम उठाए हैं। इनमें प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) का कंप्यूटरीकरण, तीन नई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों की स्थापना और त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना शामिल है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों की मूल भावना और भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले दशक में इन परिषदों को कार्रवाई-उन्मुख मंच के रूप में स्वीकार किया गया है और उन्होंने परिणाम भी दिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अनुवर्ती कार्रवाई के साथ, हमने न केवल राज्यों के बीच, क्षेत्रों और राज्यों के बीच, तथा केंद्र और राज्य सरकारों के बीच के मुद्दों को स्वीकार किया है, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस रास्ते भी बनाए हैं।’’

शाह ने कहा कि 2004-2014 की तुलना में 2014 से 2025 तक क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्या में लगभग ढाई गुना वृद्धि हुई है और सरकार ने इन बैठकों को सार्थक बनाया है।

उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच क्षेत्रीय परिषदों और स्थायी समितियों की कुल 25 बैठकें हुईं, जबकि 2014 से 2025 तक अब तक 64 बैठकें हो चुकी हैं।

शाह ने कहा कि बैठकों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होना प्रधानमंत्री मोदी की टीम भारत की अवधारणा को दर्शाता है। इन बैठकों में 1600 मुद्दों पर चर्चा हुई और 1303 मुद्दों (81.43 प्रतिशत) का समाधान किया गया।

उन्होंने कहा कि यह सभी राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के सहयोग से संभव हुआ है, जिसमें अंतर-राज्यीय परिषद सचिवालय ने सक्रिय भूमिका निभाई है।

गृहमंत्री ने कहा कि इस वर्ष ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ है। एक समय बंकिम चंद्र चटर्जी की महान रचना ‘वंदे मातरम’ ने हमारे देश की आजादी का बिगुल फूंकने का काम किया।

उन्होंने कहा कि अब भारत सरकार और सभी राज्य मिलकर एक बार फिर ‘महान भारत’ के निर्माण का आह्वान कर रहे हैं।

शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन का उल्लेख करते हुए कहा कि इनके क्रियान्वयन से बहुत सकारात्मक परिणाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत, दोषसिद्धि की दर में लगभग 25 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और दोषियों को समय पर सजा मिल रही है।

भाषा धीरज संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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