मुंबई, 17 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन की निगरानी के लिए एक ‘डिजिटल डैशबोर्ड’ विकसित करने का आह्वान किया और संस्थानों से अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता और रैंकिंग में सुधार करने को कहा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और ‘विकसित महाराष्ट्र 2047’ प्रारूप के कार्यान्वयन पर एक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपने वर्तमान शैक्षणिक मानकों, शोध परिणामों, बुनियादी ढांचे और रैंकिंग का आकलन करना चाहिए और अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करनी चाहिए।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने डिजिटल निगरानी प्रणाली के लिए राज्य सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
फडणवीस ने सरकारी विश्वविद्यालयों से उभरते बाजार की जरूरतों के अनुरूप इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कौशल-आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों के लिए रोजगार के अवसरों का विस्तार करने के लिए उद्योग के साथ मजबूत साझेदारी स्थापित करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘निजी विश्वविद्यालय तेजी से प्रगति कर रहे हैं। प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देना चाहिए।’’
बैठक के दौरान ‘विकसित महाराष्ट्र 2047’ के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के विकास लक्ष्यों, एनआईआरएफ (राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा) रैंकिंग में सुधार की रणनीतियों और शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर एक प्रस्तुति दी गई।
फडणवीस ने कहा कि 2047 के लिए महाराष्ट्र के ‘विकास दृष्टिकोण’ के लिहाज से शैक्षणिक उत्कृष्टता को मजबूत करना और उच्च कुशल कार्यबल का निर्माण करना अहम है।
बैठक में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, वरिष्ठ अधिकारी, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और प्रति कुलपति शामिल हुए।
भाषा संतोष
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