मंगलुरु, 16 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के सुलिया तालुक में सुपारी की फसल पर पीली पत्ती रोग (वाईएलडी) को लेकर किसानों और क्षेत्र के सांसदों की ओर से अनुरोध के बाद केंद्र सरकार ने इस बीमारी के प्रकोप का आकलन करने के लिए एक ड्रोन आधारित हवाई सर्वेक्षण शुरू किया है।
दक्षिण कन्नड़ से सांसद कैप्टन बृजेश चौटा ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह सर्वेक्षण केंद्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान (सीपीसीआरआई), कासरगोड, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)-बेंगलुरु के अनुसंधान प्रभाग और हैदराबाद स्थित इसरो की हवाई सर्वेक्षण शाखा द्वारा मिलकर किया जा रहा है। टीम ने रविवार को शुरुआत में 2.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अरंथोडु और पेराजे गांवों में सर्वेक्षण शुरू किया।
उन्होंने कहा कि पत्ती का रंग पीला पड़ने, लक्षण और कैनोपी में बदलाव को दर्ज करने के लिए तस्वीरें ली जाएंगी और वीडियो बनाया जाएगा और फिर वैज्ञानिक ढंग से इनका विश्लेषण किया जाएगा।
चौटा ने कहा कि सुपारी उत्पादन क्षेत्रों से सांसदों और मंत्रियों के साथ ही सुपारी उत्पादक संघों ने अगस्त में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान से मुलाकात की थी और इस बीमारी से हो रहे नुकसान से उन्हें अवगत कराते हुए प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के जरिए एक दीर्घकालीन वैज्ञानिक अध्ययन कराने का अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण इस बीमारी के व्यवहार और प्रकोप को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे सटीक, वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध हो सकेगा जिससे प्रभावित पेड़ों में बदलाव की सतत निगरानी की जा सकेगी।
भाषा
सं, राजेंद्र रवि कांत
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