जयपुर, 16 नवंबर (भाषा) महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बचाव, जांच और उपचार पर केंद्रित जागरुकता कार्यक्रम रविवार को यहां आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने इस रोग और इसके बचाव उपायों पर विस्तार से जानकारी दी।
विश्व सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन दिवस की पूर्व संध्या पर हुए इस कार्यक्रम में वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. वीणा आचार्य ने सर्वाइकल कैंसर को भारत में महिलाओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट बताया।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में हर आठ मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित होती है और समय पर निदान नहीं होने के कारण कई मामलों में मृत्यु भी हो जाती है।
डॉ. आचार्य ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर दुनिया का एकमात्र ऐसा कैंसर है, जिसका कारण और उसका निवारण—दोनों स्पष्ट रूप से ज्ञात हैं। उन्होंने बताया कि यह बीमारी मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण से होती है, और सौभाग्य से इसके लिए प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध एचपीवी वैक्सीन नौ से 14 वर्ष की उम्र के किशोर-किशोरियों को लगाई जा सकती है, और यह भविष्य में लगभग 90 प्रतिशत मामलों में कैंसर विकसित होने की संभावना को समाप्त कर देती है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशु पाटोदिया ने सर्वाइकल कैंसर की जांच पद्धतियों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘पैप स्मीयर टेस्ट’ एक सरल, सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध जांच है, जिसके माध्यम से सर्वाइकल कैंसर की प्रारंभिक अवस्था का पता लगाया जा सकता है।
आयोजकों ने बताया कि यह जागरुकता अभियान पूरे सप्ताह शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम, जांच और उपचार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी, साथ ही निःशुल्क परामर्श और जांच शिविर भी लगाए जाएंगे।
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