नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से चले आ रहे आरे के जंदलो में पेड़ों की कटाई पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. मेट्रो शेड के निर्माण को लेकर पेड़ों की कटाई पर चले आ रहे आम जन और मेट्रो के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई पर पेड़ों की कटाई पर रोक लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि, ‘अब आरे कॉलोनी के और पेड़ नहीं काटे जाएंगे.’ महाराष्ट्र सरकार की तरफ ने सॉलिसिटर जनरल
Supreme Court asks Maharashtra Government to not cut more trees at #Aarey Colony. Solicitor General Tushar Mehta appearing for Maharashtra Government assures the bench that henceforth no trees will be cut. pic.twitter.com/oLSzCZsXcY
— ANI (@ANI) October 7, 2019
यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि ‘जिन भी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाए.’ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि जिन भी कार्यकर्ताओं को अभी तक रिहा नहीं किया गया है उन्हें तुरंत रिहा कर दिया जाएगा. वहीं कुछ देर पहले करीब 29 कार्यकर्ताओं को थाणे जेल से रिहा कर दिया गया था. इन कार्यकर्ताओं को सरकार के काम काज में रोक लगाने और सरकारी अधिकारी को काम के दौरान रोके जाने का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया था.
Mumbai's #AareyForest matter: 29 protesters were released from Thane jail after bail was granted to them yesterday. They were arrested from Aarey on charges of disturbing public order & obstructing govt officials from performing their duties. pic.twitter.com/3oOSLVaXv9
— ANI (@ANI) October 7, 2019
सुप्रीम कोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को इस मामले में पार्टी बनाए जाने को कहा. इस मामले में अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी.
आरे जंगल की कटाई को लेकर चल रहे विरोध के बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश अरुण मिश्रा की बेंच ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार से पूछा, ‘हमें बताया जाए कि क्या आरे के जंगल इको सेंसिटिव ज़ोन में था या नहीं. हमें दस्तावेज दिखाए जाएं.’
आरे जंगल में पेड़ों के काटे जाने का विरोध कर रहे कानून के छात्रों ने रविवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखा था, जिसे कोर्ट ने जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू की. कोर्ट ने पत्र को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन कर दिया था.
वरिष्ठ वकील तुषार मेहता महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रख रहे हैं. वहीं वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह मुंबई मेट्रो की तरफ से कोर्ट में मौजूद हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से वकील संजय हेगड़े कोर्ट में पेश हुए हैं.
इससे पहले, हाईकोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
बाम्बे हाई कोर्ट द्वारा शुक्रवार को मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए आरे कॉलोनी में लगे पेड़ काटने का आदेश दिया था. जिसके बाद स्थानीय लोगों का विरोध तेज हो गया था, वहीं जंगल काटे जाने को लेकर बॉलीवुड के सेलीब्रिटी भी इसका विरोध कर रहे थे और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी जाहिर की थी. इस पूरे इलाके में बढ़े विरोध को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई थी जिसके बाद स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने पेड़ों को न काटने के लिए सरकार ने गुहार लगा रहे हैं. फिल्म अभिनेता, निर्माता और निर्देशक फरहान अख्तर ने ट्विटर पर लिखा, ‘रातों रात पेड़ों को काटना गलत है. जो ऐसा कर रहा है वो भी जानता है कि यह गलत है.’
अभिनेत्री श्रद्धा कपूर हाल ही में इन लोगों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में हिस्सा भी लिया था. उन्होंने इंस्टाग्राम पर कुछ खबरों को पोस्ट किया. जिसमें लिखा हुआ था कि पेड़ों को काटना गलत है और मुंबई के लोगों को साथ आने का आह्वान भी किया.
सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना भी इस कदम का विरोध कर रही हैं. बता दें कि हाल ही में राज्य में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी पेड़ों के काटे जाने को लेकर असहमति जताई है और इस कदम का विरोध किया था जबकि हाल ही कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुई नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.