बेंगलुरु, 15 नवंबर (भाषा) भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब सहित 70 लोगों को शनिवार को पुलिस ने उस समय एहतियाती हिरासत में लिया, जब वे कथित ‘वोट चोरी’ और चुनावी अनियमितताओं पर जवाबदेही की मांग करते हुए निर्वाचन आयोग के कार्यालय की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे थे।
कर्नाटक प्रदेश युवा कांग्रेस समिति (केपीवाईसीसी) के सदस्यों ने भाजपा विरोधी नारे- “भाजपा मुर्दाबाद” और “वोट चोर गद्दी छोड़” लगाते हुए फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन किया और विभिन्न राज्यों में चुनावों में बड़े पैमाने पर “वोट चोरी” का आरोप लगाया।
यह प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों में “बड़े पैमाने पर वोट चोरी” का आरोप लगाने के एक दिन बाद हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने परिणामों की गहन समीक्षा करने की प्रतिबद्धता जतायी थी और कहा था कि “हम ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सकते जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था।”
फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिब, आईवाईसी प्रभारी मनीष शर्मा, केपीवाईसीसी अध्यक्ष गौड़ा ने किया और इसमें राज्य के श्रम मंत्री संतोष लाड और राज्यसभा सदस्य जी सी चंद्रशेखर सहित कर्नाटक के कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भाग लिया।
मंत्री लाड ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘सिर्फ चुनाव जीतने के लिए उन्होंने बिहार की डेढ़ करोड़ महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए। इसके अलावा, एसआईआर में मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाए गए हैं और 20 मतदाता जोड़े गए हैं।’
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री तकनीक और उपग्रह की इतनी बातें करते हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का डिजिटल प्रारूप भी उपलब्ध नहीं कराया है। उन्होंने इससे साफ जाहिर है कि वे धोखाधड़ी और सत्ता का दुरुपयोग करना चाहते हैं, और इसी के जरिए वे सत्ता में आए हैं।
कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024, कर्नाटक और महाराष्ट्र चुनावों में “वोट चोरी” का आरोप लगाया था।
शुक्रवार को गांधी ने कहा कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन चुनाव परिणामों की गहन समीक्षा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के लिए अधिक प्रभावी प्रयास करेंगे।
सत्तारूढ़ राजग ने बिहार में ‘महागठबंधन’ को शिकस्त देकर सत्ता बरकरार रखी। बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव हुए थे।
भाषा तान्या माधव
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