नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) युवाओं के बीच ‘वेपिंग’ की समस्या से निपटने के लिए समर्पित महिलाओं के एक संयुक्त संगठन ‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग’ ने शुक्रवार को एक शैक्षिक टूलकिट जारी की, जिसका उद्देश्य बच्चों में निकोटीन गम, पाउच और वेप्स जैसे नए दौर के निकोटीन उपकरणों के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में कक्षा 8 से 12 तक के 500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
इस टूलकिट में वेपिंग और निकोटीन की लत के जोखिमों को समझने में बच्चों की मदद करने के लिए प्रदर्शन कलाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ नवीन और आकर्षक शिक्षण विधियों का उपयोग किया गया है।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन के प्रोफेसर और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक अतुल गोयल ने कहा, ‘स्वास्थ्य हर बच्चे के भविष्य की नींव है। वेपिंग और अन्य नए जमाने के निकोटीन उपकरण जहर के आधुनिक रूप हैं। हमें यह समझना होगा कि निर्माता भ्रामक मार्केटिंग और वेपिंग के चलन या हानिरहित होने का भ्रम फैलाकर जानबूझकर युवाओं को नशे का आदी बना रहे हैं। बच्चों को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए। लत में कुछ भी अच्छा नहीं है,’
पुलिस उपायुक्त (उच्चतम न्यायालय सुरक्षा) जितेंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि आज की पीढ़ी ऊर्जा, शक्ति और जोश से भरपूर है।
उन्होंने कहा, ‘हमें उन्हें समझने और उनका समर्थन करने की आवश्यकता है। ऐसा करने से वे उन लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएंगे जो नए युग के इन हानिकारक निकोटीन उपकरणों को बढ़ावा देते हैं।’
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