भोपाल/देवास: मध्यप्रदेश के किसानों के लिए सोमवार का दिन बड़ी राहत लेकर आया. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देवास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सोयाबीन उत्पादक 1.33 लाख किसानों के खातों में भावांतर योजना के तहत 233 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. इस मौके पर उन्होंने 183.25 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विकास कार्यों का भूमिपूजन किया और किसानों, जैविक खेती करने वालों व पीएमएफएमई योजना के हितग्राहियों को लाभ भी वितरित किए.
सीएम ने कहा कि हमारे लिए आज और कल का दिन खास है, “कल हमने बहनों को लाड़ली बहना योजना की राशि दी, और आज किसानों को आर्थिक राहत दे रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह देश स्वर्णिम समय में है, जिसे कांग्रेस हज़म नहीं कर पा रही है.”
सीएम ने बताया कि मध्यप्रदेश आज देश का ‘सोयाबीन स्टेट’ बन चुका है.
उन्होंने कहा, “पिछले साल सोयाबीन की कीमत 4800 रुपये थी, इस साल 5328 रुपये प्रति क्विंटल बिकी है. हमने पिछले वर्ष किसानों को बोनस दिया था और आगे भी उनकी फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित करेंगे.”
उन्होंने याद दिलाया कि देश में सबसे पहले भावांतर योजना मध्यप्रदेश में लागू की गई थी, ताकि किसान को उसकी उपज का उचित दाम मिल सके.
डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा, “जब हमने भावांतर योजना शुरू की तो कांग्रेसियों ने कहा, यह झूठ है, पैसे कहां से आएंगे. कांग्रेस ने कभी किसानों का भला नहीं किया. वे सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी करते हैं, ज़मीन पर नहीं उतरते. इसी कारण वे 20 साल से सत्ता से बाहर हैं और आगे 50 साल तक रहेंगे.”
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समृद्धि के लिए पूरी तरह समर्पित है, “भावांतर योजना में 9 लाख किसानों का पंजीयन कराया गया है और 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं. किसानों को अब ट्रैक्टर लाइन में लगने या एमएसपी के लिए दौड़ने की जरूरत नहीं. आपने माल तुलवाया और पैसा सीधे खाते में पहुंचा.”
उन्होंने बताया कि हर सात दिन बाद मॉडल रेट तय किया जाएगा और 15 जनवरी तक फसल खरीदी जारी रहेगी. किसानों की नरवाई जलाने की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने सीएनजी प्लांट योजना बनाई है. “अब किसान कचरे से भी कमाई कर सकेंगे.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान और गेहूं उत्पादकों को भी बोनस दिया जा रहा है, मोटे अनाज (कोदो-कुटकी) पर 1000 रुपये प्रति क्विंटल बोनस घोषित किया गया है. किसानों को सोलर पंप लगाने पर अनुदान और अन्य योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है.
