नई दिल्ली: भारत ने इस्लामाबाद में हुए आतंकी हमले से खुद को जोड़ने वाले आरोपों को “पूरी तरह झूठा और बेबुनियाद” बताते हुए खारिज कर दिया है. भारत ने कहा कि ये आरोप “भ्रमित” पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा गढ़े गए हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “भारत स्पष्ट रूप से उन बेबुनियाद और झूठे आरोपों को खारिज करता है जो एक साफ तौर पर भ्रमित पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा लगाए जा रहे हैं. पाकिस्तान की यह एक तयशुदा रणनीति है कि वह भारत के खिलाफ झूठे नैरेटिव गढ़े.”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने मंगलवार को इस्लामाबाद की अदालत परिसर के बाहर हुए आतंकी हमले को लेकर आरोप लगाया था कि इसमें “भारत का सक्रिय समर्थन” शामिल था. शरीफ़ ने खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) में सेना द्वारा संचालित कॉलेज पर हुए दूसरे हमले को भी भारत से जोड़ा.
भारत ने इन आरोपों को यह कहते हुए खारिज किया कि पाकिस्तान “अपने ही देश में सेना-प्रेरित संवैधानिक तोड़फोड़ और सत्ता हथियाने की कोशिशों से लोगों का ध्यान भटकाने” की कोशिश कर रहा है.
जायसवाल ने आगे कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस सच्चाई से भली-भांति वाकिफ है और पाकिस्तान की हताशा भरी ध्यान भटकाने की चालों से गुमराह नहीं होगा.”
मंगलवार को इस्लामाबाद की अदालत परिसर के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट किया, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई. हमले से कुछ घंटे पहले ही खैबर पख्तूनख्वा में सेना संचालित कॉलेज पर आतंकियों ने कैडेट्स को बंधक बनाने की कोशिश की थी. सरकार ने दावा किया कि इस हमले को नाकाम कर दिया गया. हमला तब शुरू हुआ जब एक आत्मघाती हमलावर ने कॉलेज पर हमला किया और उसके बाद अन्य आतंकी परिसर में घुसने की कोशिश करने लगे.
इस बीच, पाकिस्तान सरकार अपने संविधान में 27वां संशोधन लाने की कोशिश कर रही है, जिससे देश में फील्ड मार्शल असीम मुनीर की ताकत और बढ़ सकती है—वो भी ऑपरेशन सिंदूर के सिर्फ छह महीने बाद. पाकिस्तानी विपक्ष ने इस संशोधन का विरोध करने की बात कही है.
सीनेट में पेश किया गया यह संशोधन सेना की शक्ति और ढांचे को फिर से परिभाषित करेगा, न्यायपालिका में बड़े बदलाव लाएगा और कार्यपालिका की शक्तियों का दायरा बढ़ाएगा.
इस संशोधन के तहत सेना प्रमुख (सीओएएस) — जो इस समय मुनीर हैं को तीनों सेनाओं का प्रमुख बनाया जाएगा और “चेयरमैन, जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी” का पद खत्म कर दिया जाएगा. साथ ही, फील्ड मार्शल, एयर फोर्स के मार्शल और एडमिरल ऑफ द फ्लीट जैसे उच्च पदों को आजीवन दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा दी जाएगी.
सोमवार को सीनेट ने इस संवैधानिक संशोधन को मंज़ूरी दे दी, जबकि आलोचकों का कहना है कि इससे नागरिक सरकार सेना के अधीन हो जाएगी.
इस बीच, पाकिस्तान पड़ोसी देशों में एकमात्र ऐसा देश है जिसने सोमवार रात दिल्ली में हुए धमाके पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. काबुल की तालिबान सरकार और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार समेत कई देशों ने इस हमले में मारे गए कम से कम 12 लोगों के लिए शोक जताया है.
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