नई दिल्ली: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके के मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर यू. नबी ने साल 2017 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएसी) श्रीनगर से एमबीबीएस किया था. दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.
36 साल के नबी के बारे में माना जा रहा है कि सोमवार रात रेड फोर्ट इलाके में हुए तेज़ धमाके में उसकी मौत हो गई.
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, नबी का जीएमसी से जुड़ाव उसके मेडिकल रजिस्ट्रेशन से पता चला है.
उसने जीएमसी अनंतनाग में भी काम किया था और आखिरी बार फरीदाबाद के अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में काम कर रहा था. डॉ. मुझम्मिल शाकिल, जो एक और आतंकी संदिग्ध है, वही फरीदाबाद वाले अस्पताल में काम करता था.
पुलवामा का रहने वाला नबी, कथित रूप से जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद (AGuH) के फरीदाबाद-जम्मू-कश्मीर मॉड्यूल का हिस्सा था. AGuH, अल-कायदा का जम्मू-कश्मीर केंद्रित विंग है.
धमाके से कुछ घंटे पहले, सोमवार को ही, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद जिले के फतेहपुर टागा गांव में शाकिल के किराए के घर से 2,500 किलो आईइडी (बम बनाने) का सामान बरामद किया था.
जब्त किए गए सामान में लगभग 360 किलो अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री (जिसे अमोनियम नाइट्रेट होने का शक है), कई केमिकल, रिएजेंट्स, दूसरे ज्वलनशील पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, बैटरी, तार, रिमोट कंट्रोल, टाइमर और धातु की चादरें शामिल थीं.
शाकिल से पहले एक और संदिग्ध डॉक्टर, डॉ. अदील अहमद राठर, पुलिस के हत्थे चढ़ चुका था.
दोनों डॉक्टरों को उस समय पकड़ा गया था जब श्रीनगर में सुरक्षा बलों को धमकाने वाले जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर मिले थे.
शाकिल करीब साढ़े तीन साल पहले फरीदाबाद आया था और तब से वह वहीं के अस्पताल में पढ़ा रहा था. राठर, जो कुलगाम का रहने वाला है, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक अस्पताल में तैनात था.
जांच में पता चला है कि यह पूरा मॉड्यूल कश्मीर के डॉक्टरों के एक समूह द्वारा चलाया जा रहा था और कई और डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं.
सुरक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब तक 10-12 लोग आरोपी हैं. उनमें से 6-7 डॉक्टर हैं.”
सोमवार रात हुए इस धमाके में कम से कम नौ लोग मारे गए और 20 लोग घायल हुए हैं.
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