नई दिल्ली: सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके में घायल या मृत लोगों में किसी को भी छर्रे या पेलेट की चोट नहीं मिली है. शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है.
पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि मौतें और चोटें जलने से हुई हैं.
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अब तक घटनास्थल से कोई भी बैलिस्टिक सामग्री या प्रोजेक्टाइल नहीं मिला है. छर्रों की चोटों की अनुपस्थिति — जो आमतौर पर पारंपरिक विस्फोटकों से हुए धमाकों में देखी जाती हैं — एक अहम जानकारी के रूप में सामने आई है, क्योंकि जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि धमाका कैसे हुआ.
धमाका एक चलती हुई हुंडई i20 कार में हुआ था, जिसमें लोग सवार थे, न कि किसी खड़ी गाड़ी में जैसा कि शुरू में संदेह था, सूत्रों ने कहा.
“धमाका कार के पीछे की तरफ हुआ लगता है,” एक पुलिस सूत्र ने कहा. उन्होंने यह भी जोड़ा कि जगह पर कोई गड्ढा नहीं बना — जो आमतौर पर ज्यादा तीव्रता वाले धमाकों में देखा जाता है.
लेकिन जांचकर्ता धमाके के कारण को लेकर किसी भी संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं. फोरेंसिक टीमें फिलहाल मौके पर मौजूद हैं.
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