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Monday, 10 November, 2025
होमदेश'कज़िन' को जमानत देने पर हरियाणा की न्यायिक मजिस्ट्रेट सवालों के घेरे में, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

‘कज़िन’ को जमानत देने पर हरियाणा की न्यायिक मजिस्ट्रेट सवालों के घेरे में, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट आकाश वालिया की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट वंदना वालिया द्वारा ऋषभ वालिया को दी गई जमानत रद्द करने की मांग की थी. अदालत ने जांच रिपोर्ट मांगी है.

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गुरुग्राम: हरियाणा में तैनात एक न्यायिक मजिस्ट्रेट पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की निगरानी चल रही है क्योंकि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को जमानत दी, जो कथित रूप से उनका रिश्तेदार बताया जा रहा है.

6 नवंबर को मामले में आदेश सुनाते हुए हाई कोर्ट के जज सुमीत गोयल ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि न्यायिक अधिकारी वंदना वालिया से इस मामले पर उनकी टिप्पणी ली जाए. साथ ही, अगर प्रशासनिक स्तर पर कोई जांच की गई है, तो उसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई पर सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी जाए.

हाई कोर्ट यह याचिका आकाश वालिया की सुन रहा था. उन्होंने मुलाना थाना, अंबाला में दर्ज एक आपराधिक मामले में ऋषभ वालिया को दी गई जमानत रद्द करने की मांग की थी.

मामले में आरोप हैं कि सबूत छिपाने, गलत बयान देने के लिए धमकाने और आपराधिक धमकी जैसे अपराध किए गए.

याचिका का केंद्र आकाश वालिया का यह दावा है कि जमानत देने वाली मजिस्ट्रेट वंदना वालिया और आरोपी ऋषभ वालिया के बीच पारिवारिक रिश्ता है.

याचिका में कहा गया कि ऋषभ और न्यायिक मजिस्ट्रेट आपस में चचेरे भाई-बहन हैं. ऐसे में वंदना वालिया को उस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए थी जिसमें ऋषभ की जमानत याचिका पर फैसला होना था.

हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जांच के बाद हरियाणा सरकार ने अपनी रिपोर्ट 19 मई को सौंप दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मजिस्ट्रेट और आरोपी के बीच रिश्ता तो है, लेकिन दूर का है.

जांच के लिए अधिकारियों ने कैथल जिले के फतेहपुर गांव के लोगों से बयान लिए, जहां दोनों परिवारों की जड़ें हैं.

साक्ष्यों से पता चला कि मजिस्ट्रेट वंदना वालिया की दादी, विस्तारित पारिवारिक रिश्तों के हिसाब से, विनोद वालिया (ऋषभ के पिता) की चाची लगती हैं. इस तरह मजिस्ट्रेट और आरोपी दूर के चचेरे भाई-बहन हैं.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दोनों परिवार अलग-अलग गोत्रों से हैं और रिश्ता “दूर का” है, न कि बहुत निकट का.

आकाश वालिया द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया कि दिसंबर 2023 में मजिस्ट्रेट ने अवकाश लिया था ताकि वे अनिल वालिया के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें, जो विनोद वालिया के भाई थे.

आकाश वालिया ने जनवरी 2024 में न्यायिक अधिकारी के खिलाफ शिकायत में भी इस बात का ज़िक्र किया. इसके बाद अंबाला के जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस पर जांच की.

6 नवंबर के आदेश में जज सुमीत गोयल ने कहा कि पहले यह पता लगाना ज़रूरी है कि वंदना वालिया और आरोपी के बीच रिश्ता क्या है. इसी आधार पर यह तय होगा कि ऋषभ की जमानत रद्द की जाए या नहीं, जैसा कि याचिकाकर्ता ने मांगा है.

अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि मजिस्ट्रेट का गोपनीय बयान लिया जाए. साथ ही, अगर कोई आंतरिक प्रशासनिक जांच हुई है तो उसे भी गोपनीय तौर पर कोर्ट में जमा किया जाए. अब केस 26 नवंबर के लिए सूचीबद्ध है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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