सोनिपत (हरियाणा): विनोद पिछले चार साल से बेचैन हैं. उनकी पत्नी गुनिया की मौत ने परिवार को तोड़ दिया है.
“उन्हें 1 मार्च 2022 को ब्रेन हैमरेज हुआ था और उनकी मौत हो गई. हम अभी भी इस दुख को समझ नहीं पा रहे,” 37 वर्षीय विनोद ने मरने वाली पत्नी की माला चढ़ी तस्वीर के नीचे खड़े होकर कहा.
बुधवार को लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने अचानक इस परिवार को सुर्खियों में ला दिया. कांग्रेस नेता ने हरियाणा की राय विधानसभा सीट की वोटर लिस्ट का एक हिस्सा दिखाया, दावा करते हुए कि एक ब्राज़ीलियाई महिला की तस्वीर का इस्तेमाल 22 अलग-अलग मतदाताओं के नामों के साथ किया गया है, जिनमें गुनिया भी शामिल हैं.

एनएच-44 से करीब छह किलोमीटर दूर विनोद के साधारण घर में गुनिया के सभी दस्तावेज पुराने सूटकेस में संभालकर रखे हुए हैं. विनोद एक-एक करके दस्तावेज निकालते हैं—डेथ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और 2019 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया वोटर आईडी. यह वोटर आईडी वही EPIC नंबर दिखाता है, जो गांधी द्वारा प्रदर्शित वोटर लिस्ट में दर्ज है, और इसमें उनकी असली तस्वीर है.
“हमें नहीं पता उनकी मौत के बाद कैसे ब्राजीलियाई महिला की तस्वीर उनके नाम के साथ जोड़ दी गई,” विनोद कहते हैं. गुनिया के परिवार के अलावा, दिप्रिंट ने 22 में से नौ महिलाओं या उनके परिजनों/पड़ोसियों से संपर्क किया और पाया कि मामले की गहरी जांच ज़रूरी है.

तीन महिलाओं ने बताया कि तस्वीर मेल न खाने के बावजूद उन्होंने बिना परेशानी वोट डाला. एक ने शिकायत की कि उसने वोट डाला था, लेकिन उसके नाम से किसी ने फर्जी आईडी बनवा ली. दो महिलाएं जो कहीं और शिफ्ट हो चुकी थीं, दावा करती हैं कि वे वोट डालने लौटी थीं. दो अन्य ने कहा कि उन्होंने वोट नहीं डाला. एक मामले में ग्रामीणों का दावा है कि महिला ने पहले पति को छोड़ने के बाद पहचान बदल ली.
“इन्होंने मुख्य रूप से उन महिलाओं को निशाना बनाया जो अपने पते से दूर चली गई थीं. हरियाणा के गांवों में पारंपरिक महिलाएं आज भी सार्वजनिक जगहों पर चेहरे ढकती हैं. मतदान के दिन भी ऐसा होता है. ऐसे में संभव है कि जिन महिलाओं की या तो मौत हो गई या वे कहीं और चली गईं, उनके नाम पर फर्जी वोट डाले गए,” सोनिपत के कांग्रेस नेता राकेश सौदा ने कहा, जो इस मामले में राहुल गांधी की टीम के साथ काम कर रहे हैं.
22 महिलाओं में से जिन छह के नामों के साथ ब्राजीलियाई महिला की तस्वीर लगी हुई थी और जिन्होंने कथित तौर पर अक्टूबर 2024 विधानसभा चुनाव में वोट डाला— उनमें माछरौली गांव की पिंकी और मुनिश देवी, खेरी मनाजत गांव की स्वीटी और मंजीत, और अकबरपुर बारोट की अंजू और बिमला शामिल हैं.

पिंकी ने कहा कि उसने बिना किसी परेशानी के आधार कार्ड से वोट डाला. मुनिश के देवर सुनील अंटिल ने कहा कि वह सोनिपत शहर में रहती हैं, लेकिन वोट डालने लौटी थीं. दोनों का कहना है कि उनके वोटर आईडी में गलत फोटो था, लेकिन ब्राजीलियाई महिला का नहीं.
खेरी मनाजत की स्वीटी ने भी कहा कि वोट डालने में दिक्कत नहीं हुई. उसका वोटर आईडी 2012 में जारी हुआ था और उसमें उसकी अपनी फोटो है. मंजीत के परिवार ने भी उसका सही फोटो वाला वोटर आईडी दिखाया.

अंजू ने कहा कि वह अब कहीं और रहती हैं, लेकिन वोट डालने लौटी थीं. हालांकि उनकी बहन रेखा ने एक दिन पहले मीडिया से कहा था कि अंजू ने वोट नहीं डाला.
बिमला ने कहा कि उसने वोट डाला था, लेकिन उसके नाम से एक दूसरी फर्जी आईडी भी बनी थी. उसके बेटे ने जांच की मांग की, जबकि पति ने आरोप खारिज कर दिया.
अकबरपुर बारोट की सरोज कई साल पहले भिवानी शिफ्ट हो चुकी हैं और गांव वालों का कहना है कि उन्होंने वहां वोट नहीं डाला. वे हैरान हैं कि उनका नाम अब भी वोटर लिस्ट में है और वह भी ब्राज़ीलियाई महिला की फोटो के साथ.
मुरथल में एक अन्य वोटर रश्मि के बारे में ग्रामीणों ने कहा कि वह पति को छोड़ने के बाद दूसरी जगह शादी करके छिपकर रह रही है. नाहरी गांव में, जहां सूची की एक और महिला सत्यवती रजिस्टर्ड हैं, ग्रामीणों ने बताया कि वह भी अब वहां नहीं रहती.
