हैदराबाद, आठ नवंबर (भाषा) तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में 25 वर्षीय एक महिला ने कथित तौर पर माइर्मेकोफोबिया (चींटियों का डर) के कारण आत्महत्या कर ली, जो एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस ने बताया कि महिला का विवाह 2022 में हुआ था और उसकी तीन वर्ष की एक बेटी है। पुलिस ने बताया कि महिला चार नवंबर को अपने घर में पंखे से लटकी हुई पाई गई।
पुलिस ने बताया कि महिला उसी दिन अपनी बेटी को एक रिश्तेदार के घर यह कहकर छोड़ा था कि वह घर की सफाई करने के बाद उसे ले जाएगी।
पुलिस ने बताया कि महिला का पति सुबह काम पर गया था और वह जब शाम को घर लौटे तो मुख्य दरवाजा अंदर से बंद मिला। पुलिस ने बताया कि पड़ोसियों की मदद से उन्होंने दरवाजा तोड़ा और अपनी पत्नी को पंखे से लटकता पाया।
पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से बरामद एक सुसाइड नोट में लिखा था: ‘‘श्री, मुझे माफ़ करना, मैं इन चींटियों के साथ नहीं रह सकती। (बेटी) का ख्याल रखना। सावधान रहना। अन्नावरम, तिरुपति 1,116 रुपये… येल्लम्मा वडी बिय्यम (चावल का प्रसाद) मत भूलना।’’
तिरुपति, अन्नावरम के मंदिरों में 1,116 रुपये और ‘येल्लम्मा वडी बिय्यम’ का संदर्भ देवताओं को चढ़ाये जाने वाले प्रसाद से है।
पुलिस ने बताया कि उन्हें बताया गया है कि महिला बचपन से ही चींटियों से डरती थी और उसे अपने पैतृक शहर मंचेरियल के एक अस्पताल में पहले भी उसकी काउंसलिंग करायी गई थी। पुलिस ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सफाई करते समय उसे चींटियां दिखाई दीं और डर के मारे उसने यह कदम उठा लिया।’’
तेलंगाना सरकार के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (आईएमएच) अधीक्षक अनीता रायिराला ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि माइर्मेकोफोबिया बहुत दुर्लभ बीमारी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने क्लिनिक में ऐसा नहीं देखा है।’’
उन्होंने कहा कि फोबिया अक्सर बचपन में शुरू होता है।
भाषा अमित माधव
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