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कोच्चि, आठ नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक ऑनलाइन कार्यक्रम में एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई।
एर्नाकुलम जंक्शन-केएसआर (क्रांतिवीर सांगोली रायन्ना) बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस (06652) ढोल-नगाड़ों की ध्वनि के साथ सुबह आठ बजकर 41 मिनट पर स्टेशन से रवाना हुई, हालांकि ट्रेन खुलने का निर्धारित समय सुबह आठ बजे था।
केरल से आने वाली नयी वंदे भारत ट्रेन को अंदर और बाहर फूलों से सजाया गया था। ट्रेन में केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी, चित्रकला प्रतियोगिता के आधार पर चुने गए विभिन्न स्कूलों के बच्चे और विभिन्न विभागों के अधिकारी सवार थे।
ट्रेन में गोपी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह रेल पर एक क्रांति है। आरओआर। इसकी गर्जना होनी चाहिए।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केरल में और ट्रेनें आ सकती हैं और एकमात्र बाधा पटरियों का दोहरीकरण और मौजूदा पटरियों पर तीखे मोड़ों को सीधा करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर ज्यादा पटरियां होंगी, तो अधिक ट्रेन चलेंगी। अगर खतरनाक और तीखे मोड़ को सीधा कर दिया जाए तो तेज गति वाली ट्रेनें आ सकेंगी। अन्य ट्रेन की भी गति बढ़ जाएगी और छोटी ट्रेन के ज्यादा ठहराव बिंदु होंगे। इससे हर स्टेशन पर नेटवर्क कनेक्शन होगा और हम हर स्टेशन पर आवाजाही सुनिश्चित कर पाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि रेलवे किसी भी चीज के लिए तैयार है, लेकिन राज्य सरकार को जमीन मुहैया करानी होगी और तीखे मोड़ को सीधा करना होगा।
गोपी ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को संसद में केरल के सांसदों से कई बार यह कहते सुना है कि वे राज्य सरकार से रेलवे को और जमीन देने और ‘‘तीखे मोड़ को हटाने’’ का अनुरोध करें।
आठ डिब्बों वाली यह ट्रेन कृष्णराजपुरम और केएसआर बेंगलुरु पहुंचने से पहले त्रिशूर, पलक्कड़, कोयंबटूर, तिरुप्पुर, इरोड और सलेम सहित केरल और तमिलनाडु के प्रमुख शहरों से होकर गुजरती है।
दक्षिण रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक को जोड़ने वाली पहली अंतरराज्यीय ‘सेमी-हाई-स्पीड प्रीमियम ट्रेन’ सेवा है।
अधिकारियों ने बताया कि यह ट्रेन सेवा तीन राज्यों को जोड़ती है जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
दक्षिण रेलवे की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘केएसआर बेंगलुरु-एर्नाकुलम वंदे भारत एक्सप्रेस केरल की वाणिज्यिक राजधानी एर्नाकुलम और महानगरीय शहर बेंगलुरु के बीच निर्बाध संपर्क प्रदान करेगी।’’
एर्नाकुलम और बेंगलुरु के बीच चलने वाली एक इंटरसिटी ट्रेन सेवा 583 किलोमीटर की दूरी तय करने में 11 घंटे से अधिक का समय लेती है। अधिकारियों ने कहा कि नयी वंदे भारत ट्रेन इस यात्रा को आठ घंटे और 40 मिनट में पूरा करेगी।
ट्रेन की नियमित सेवा नौ नवंबर, 2025 से शुरू होगी। ट्रेन बेंगलुरु से सुबह पांच बजकर 10 मिनट पर रवाना होगी और अपराह्न एक बजकर 50 मिनट पर एर्नाकुलम पहुंचेगी। अपनी वापसी यात्रा पर ट्रेन अपराह्न दो बजकर 20 मिनट पर एर्नाकुलम से रवाना होगी और रात 11 बजे बेंगलुरु पहुंचेगी। यह बुधवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी।
इसके लाभों पर प्रकाश डालते हुए दक्षिण रेलवे ने कहा कि यह एर्नाकुलम और बेंगलुरु के बीच सबसे तेज संपर्क प्रदान करेगी।
भाषा
सुरभि प्रशांत
प्रशांत
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