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Saturday, 8 November, 2025
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पार्थ पवार से जुड़े भूमि सौदे में स्टांप शुल्क माफी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता ने अधिकारियों को सचेत किया

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पुणे, आठ नवंबर (भाषा) पुणे के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने ‘अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी’ के साझेदार दिग्विजय पाटिल द्वारा बिक्री विलेख निष्पादित किए जाने के 15 दिन बाद ही कार्रवाई का अनुरोध करते हुए संयुक्त जिला रजिस्ट्रार को सचेत किया था कि 300 करोड़ रुपये के मुंधवा भूमि सौदे पर स्टांप शुल्क अवैध रूप से माफ कर दिया गया।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भी अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी में साझेदार हैं।

पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 300 करोड़ रुपये में 40 एकड़ जमीन की बिक्री के सौदे ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। यह जमीन अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी नामक कंपनी को बेची गई थी जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भागीदार हैं। यह जमीन सरकारी बताई जा रही है और इस सौदे में आवश्यक स्टांप ड्यूटी भी माफ कर दी गई थी। इसके अलावा, विपक्षी दलों का आरोप है कि संबंधित जमीन की वास्तविक कीमत करीब 1,800 करोड़ रुपये है।

मुंधवा में भूमि की बिक्री का कार्य 20 मई को किया गया था और छावा कामगार यूनियन के 60 वर्षीय संस्थापक-अध्यक्ष दिनकर कोटकर ने पांच जून को आईजीआर कार्यालय को पत्र लिखा था कि 21 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क माफ कर दिया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया था कि यह छूट गलत तरीके से दी गई थी।

मामले में शिकायतकर्ता संयुक्त जिला रजिस्ट्रार (जेडीआर) संतोष हिंगाने ने प्राथमिकी में कोटकर से एक पत्र प्राप्त होने की पुष्टि की।

उन्होंने यह भी कहा कि शिकायत आवेदन की जांच के दौरान यह पाया गया कि मुंधवा भूमि के विक्रय पत्र को आधिकारिक अभिलेखों में फेरबदल करके निष्पादित किया गया था।

कोटकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पांच जून को दिए गए उनके पहले शिकायत आवेदन पर कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने 23 जून को एक अन्य शिकायत आवेदन लिखा, जिसमें शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई। शिकायत में यह भी मांग की गई कि सरकारी खजाने को हुए नुकसान की ब्याज सहित भरपाई की जाए।

कोटकर ने कहा कि उन्हें दोबारा दिए गए आवेदन भी संबंधित विभाग से कोई जवाब नहीं मिला।

उन्होंने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क करके इस मामले से दूर रहने को कहा था और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी।

पंजीकरण एवं स्टांप शुल्क विभाग में संयुक्त महानिरीक्षक राजेंद्र मुठे उस समिति का नेतृत्व कर रहे हैं जिसे भूमि सौदे में अनियमितताओं की जांच करने और राज्य सरकार को सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। मुठे ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद जेडीआर ने जांच शुरू कर दी है।

अजित पवार ने सौदे के रद्द होने की शुक्रवार शाम को जानकारी देते हुए कहा था कि पार्थ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह जमीन सरकार की है।

भाषा सिम्मी प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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