गरियाबंद, सात नवंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में कुल 37 लाख रूपए के इनामी सात नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में चार महिला नक्सली समेत सात नक्सलियों – डिविजनल कमेटी सदस्य सुनील उर्फ जगतार सिंह, सुनील की पत्नी और उदंती एरिया कमेटी की सचिव अरीना टेकाम उर्फ सुगरो, उदंती एरिया कमेटी की डिप्टी कमांडर विद्या उर्फ जमली, एरिया कमेटी सदस्य लुदरो उर्फ अनिल, एरिया कमेटी सदस्य नंदनी, एरिया कमेटी सदस्य कांति और मल्लेश ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
उन्होंने बताया कि सुनील और अरीना पर आठ-आठ लाख रूपए का इनाम है। वहीं विद्या, लुदरो, नंदनी और कांति पर पांच-पांच लाख रूपए का इनाम है तथा मल्लेश पर एक लाख रूपए का इनाम है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने छह हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है, जिनमें इंसास और एसएलआर राइफल शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि नक्सली सुनील उर्फ जगतार सिंह हरियाणा के कुरुक्षेत्र का निवासी है। वह जनवरी 2004 में यमुनानगर (हरियाणा) में माओवादियों द्वारा संचालित शिवालिक जनसंघर्ष मंच से जुड़ा। इस मंच में कार्य करने के दौरान शहरी नेटवर्क से जुडे बड़े नक्सली नेता लंकापापारेड्डी और सुब्रमण्यम के साथ दिल्ली क्षेत्र में मुलाकात कर इनके दिशा-निर्देश में कार्य करने लगा।
अधिकारियों ने बताया कि सुनील का दिसंबर 2015 में नक्सल संगठन के शहरी नेटवर्क और मैनपुर-नुआपाडा डिवीजन में सक्रिय रहे मनदीप से सोलन (हिमाचल प्रदेश) में संपर्क हुआ और मनदीप के साथ नुआपाडा (ओडिशा) के बोडेन के जंगल में आया। वहां केंद्रीय समिति सदस्य संग्राम उर्फ मुरली से मुलाकात कर नक्सल संगठन में भर्ती हुआ और उन्हीं के साथ गरियाबंद (छत्तीसगढ़)-नुआपाडा (ओडिशा) के सीमावर्ती क्षेत्र में कार्य करने लगा। बाद में इसने नक्सली अरीना से विवाह कर लिया।
उन्होंने बताया कि नक्सली अरीना और कांति कांकेर जिले की, विद्या बीजापुर जिले की, लुदरो दंतेवाड़ा जिले का तथा नंदनी और मल्लेश सुकमा जिले के निवासी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसर्पण करने वाले नक्सलियों के खिलाफ पुलिस दल पर हमला, बारूदी सुरंग में विस्फोट, वाहनों में आगजनी करने समेत अन्य नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने माओवादियों की खोखली हो चुकी विचारधारा और जंगल की परेशानियों से तंग आकर तथा शासन की पुनर्वास नीति और आत्मसमर्पित साथियों के खुशहाल जीवन से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है।
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों को राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।
भाषा सं संजीव शफीक
शफीक
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