scorecardresearch
Saturday, 28 September, 2024
होमराजनीतिअशोक गहलोत का बेटे वैभव को राजस्थान क्रिकेट का प्रमुख बनाने की कोशिश का कांग्रेस में भारी विरोध

अशोक गहलोत का बेटे वैभव को राजस्थान क्रिकेट का प्रमुख बनाने की कोशिश का कांग्रेस में भारी विरोध

सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव का आरसीए का प्रमुख बनना लगभग तय है. लेकिन इससे कांग्रेस पार्टी पर दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में प्रभाव पड़ सकता है.

Text Size:

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) का प्रेसिडेंट बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

कांग्रेस से जाट नेता और पूर्व सांसद रामेश्वर डूडी खुद को इस पद के लिए देख रहे थे. लेकिन अशोक गहलोत द्वारा अपने बेटे को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों को देखते हुए उन्हें लगने लगा है कि वो इस पद की रेस से बाहर हो गए हैं.

डूडी की नाराज़गी से कांग्रेस के भीतर ही कई सवाल उठने लगे हैं. कुछ दिनों बाद ही राज्य की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. यह दोनों ही क्षेत्र जाट बहुल हैं.

आरसीए के चुनाव ने कांग्रेस की राज्य इकाई को दो भागों में बांट दिया है. वैभव गहलोत को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा आरसीए अध्यक्ष सीपी जोशी का समर्थन हासिल है. डूडी के खिलाफ काफी लोग हैं.

बता दें कि डूडी के नामांकन को रद्द कर दिया गया था. डूडी के पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी के साथ रिश्तों को लेकर उनकी उम्मीदवारी रद्द की गई है. डूडी के नेतृत्व में चल रहे नागौर क्रिकेट एसोसिएशन पर भी बैन लगा दिया गया है. ललित मोदी पर वित्तीय अनियमितताओं के मामले चल रहे हैं.

बीसीसीआई ने आरसीए पर बैन लगा दिया था. 2014 में ललित मोदी के अध्यक्ष बनने के बाद इस पर बैन लगा दिया गया था. अध्यक्ष बनने के बाद वह देश से बाहर भाग गए थे. 2017 में बैन को सशर्त हटा लिया गया था. बीसीसीआई ने शर्त रखी थी कि आरसीए प्रशासन मोदी से हर तरह के अपने रिश्तों को खत्म करे और उसके प्रशासनिक दखल को समाप्त करे.


यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा अलवर लिंचिंग केस की जांच भाजपा सरकार में हुई थी


चुनाव अधिकारी रजनी रंजन रश्मी ने तीन इकाईयों को भंग कर दिया है और तीनों के प्रमुखों को हटा दिया है. जिसमें मोदी के बेटे रुचिर भी शामिल हैं. रुचिर अलवर क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख थे. उन्हें आरसीए के वोटर लिस्ट में से भी नाम हटा दिया है. जिनके नाम वोटर लिस्ट में हैं वही चुनाव में हिस्सा ले पाएंगे.

गहलोत धृतराष्ट्र की तरह व्यवहार कर रहे हैं

डूडी ने गहलोत पर हमला करते हुए कहा है कि वो धृतराष्ट्र की तरह व्यवहार कर रहे हैं. धृतराष्ट्र महाभारत के एक किरदार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत अपने बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

डूडी ने कहा कि धृतराष्ट्र का अपने बेटे के प्रति असीम प्यार महाभारत का कारण बना था. बिल्कुल वही हालात आरसीए चुनाव में भी बन गए हैं. सरकारी संसाधनों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. अतिरिक्त न्यायाधिवेत्ता जिला क्रिकेट एसोसिएशन का मामला देख रहे हैं. मेरे समर्थकों पर लाठी चार्ज किया गया है.

डूडी ने सीपी जोशी पर आरोप लगाया कि वो राज्य इकाई में भेदभाव कर रहे हैं.

डूडी ने कहा कि जब ललित मोदी के साथ जुड़ाव दो साल पहले ही खत्म हो चुका है तो हमारे जिला क्रिकेट एसोसिएशन को क्यों भंग किया गया है. यह सोची समझी साजिश के तहत कदम उठाया गया है.

सीपी जोशी वैभव गहलोत को क्रिकेट की राजनीति में प्रवेश कराना चाहते हैं. जोशी ने इसी साल अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गए थे.

उन्होंने पिछले महीने कहा था कि वो वैभव को ट्रैसरर के पद के लिए चुनाव लड़ाना चाहते हैं. डूडी विधासभा के पूर्व नेता रह चुके हैं. 2018 में हुए चुनाव में वो हार गए थे. अगस्त में वो नागौर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने थे.

डूडी और वैभव इस चुनाव को अपने कैरिअर को मजबूत करने की दिशा में देख रहे हैं.

शुक्रवार को वैभव जोधपुर से भाजपा नेता रामप्रकाश चौधरी के खिलाफ आसानी से जीत सकते हैं.

गहलोत की दुविधा

21 अक्टूबर को मंडावा और खिंसवार जो कि जाट बहुल क्षेत्र है, उपचुनाव होने वाला है. ये दोनों ही सीटें नागौर और झुंझुनू जिले के अंतर्गत आती है. डूडी के बगावत करने के बाद कांग्रेस को इन चुनावों में नुकसान हो सकता है.

ऐसा माना जाता है कि जाट समुदाय में अशोक गहलोत के प्रति काफी गुस्सा है. डूडी के चुनाव हार जाने के बाद भी वो उनके साथ हैं.


यह भी पढ़ें : कांग्रेस में नेतृत्व संकट के बीच सीएम अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे


राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) से नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल के भाई खिमसर उपचुनाव लड़ रहे हैं. आरएलपी का भाजपा से गठबंधन है. उन्होंने गहलोत पर आरोप लगाया है कि वो जाट नेताओं के बजाए अपने बेटे को राजनीति में आगे बढ़ा रहे हैं.

राजस्थान विधानसभा में जाट समुदाय के लोगों का एक-तिहाई हिस्सा है.

राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के वर्तमान में 106 विधायक हैं. उसके साथी राष्ट्रीय लोक दल की एक सीट है. कांग्रेस को बाहर से भी 12 विधायकों का समर्थन हासिल है.

(इस खबर को अंग्रेजी  में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments