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Thursday, 6 November, 2025
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इसरो पीएसएलवी विकास का 50 प्रतिशत हिस्सा उद्योग संघ को सौंपना चाहता है: वी नारायणन

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बेंगलुरु, छह नवंबर (भाषा) इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के विकास का 50 प्रतिशत हिस्सा उद्योग संघ को हस्तांतरित करना चाहती है।

घरेलू वैमानिकी, रक्षा और अभियांत्रिकी क्षेत्र की क्षमता की सराहना करते हुए नारायणन ने कहा कि वे पहले से ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अभियानों के लिए लगभग 80 से 85 प्रतिशत प्रणालियों का योगदान दे रहे हैं।

इसरो प्रमुख ने ‘इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो’ के दौरान कहा, ‘‘आज, जब आप भारत के अत्यधिक महत्वपूर्ण पीएसएलवी को देखते हैं, तो उन्होंने (एचएएल और एलएंडटी के नेतृत्व वाले भारतीय संघ ने) पहला रॉकेट तैयार कर लिया है। हम इसकी इस वित्त वर्ष के अंत से पहले, संभवतः फरवरी तक, शुरुआत करने जा रहे हैं।’’

भारत के वैमानिकी, रक्षा और सामान्य इंजीनियरिंग क्षेत्रों के लिए प्रमुख व्यापार मेले ‘इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो’ (आईएमएस 2025) का सातवां संस्करण बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र (बीआईईसी) में आयोजित किया गया है।

नारायणन ने कहा, ‘‘जब हम (भारतीय संघ द्वारा) दो प्रक्षेपणों में सफल हो जाएंगे, तो हमारी योजना पीएसएलवी विकास का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा सीधे भारतीय उद्योग संघ को देने की है।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग ने सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 मिशन में 80 प्रतिशत योगदान दिया, जिसमें बाहुबली रॉकेट ‘एलएमवी3-एम5’ का उपयोग किया गया।

इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘इस मिशन का प्रक्षेपण इसरो द्वारा किया गया। इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन अगर आप योगदान देखें, तो लगभग 80 से 85 प्रतिशत प्रणालियाँ पूरे उद्योग जगत द्वारा प्रदान की गईं। यह भारतीय उद्योगों का योगदान है।’’

नारायणन ने इस बात पर जोर दिया कि इसरो द्वारा प्रक्षेपित प्रत्येक रॉकेट में 80 प्रतिशत योगदान भारतीय उद्योग का होता है।

उनके अनुसार, लगभग 450 उद्योग इसरो के अभियानों में योगदान दे रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा किए जाने से इन उद्योगों को बड़ा बढ़ावा मिला है।

इसरो प्रमुख ने कहा कि भारत वर्तमान में संचार, नौवहन और पृथ्वी अवलोकन आवश्यकताओं को पूरा करने वाले 56 उपग्रहों का संचालन कर रहा है, जिनकी संख्या तीन से चार गुना तक बढ़ाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच वर्षों के भीतर वार्षिक प्रक्षेपणों की संख्या को वर्तमान 10-12 से बढ़ाकर लगभग 50 करने का लक्ष्य भी रखा है।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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