नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस आदेश के एक पैरा को मंगलवार को हटा दिया जिसमें व्हाट्सएप को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए मेटा के मंचों के साथ पांच साल तक डेटा साझा करने पर प्रतिबंध लगाया गया था।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सीसीआई द्वारा 18 नवंबर, 2024 को पारित आदेश में संशोधन करते हुए 158 पृष्ठ के आदेश के पैरा 247.1 को रद्द कर दिया। हालांकि, उसने कंपनी पर 213 करोड़ रुपये का जुर्माना और आदेश के बाकी हिस्से को बरकरार रखा।
एनसीएलएटी पीठ ने खुली अदालत में मौखिक रूप से अपना आदेश सुनाते हुए कहा, ‘‘ हम आयोग के निष्कर्षों को खारिज कर रहे हैं क्योंकि इसमें धारा 4 (2) (डी) का उल्लंघन माना गया है और पैरा 247.1 में दिए गए निर्देशों को हटा रहे हैं। (जिसमें कहा गया था कि) व्हाट्सएप इस आदेश की प्राप्ति की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए अपने मंच पर एकत्र किए गए उपयोगकर्ता डेटा को अन्य डेटा कंपनियों या विज्ञापन उद्देश्यों के साथ साझा नहीं करेगी।’’
चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सदस्य अरुण बरोका की दो सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘‘ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए डेटा साझा करने के संबंध में, आदेश के शेष भाग को बरकरार रखा जाता है। 18 नवंबर, 2024 के आदेश को तदनुसार संशोधित किया जाता है।’’
इस निर्णय की विस्तृत प्रति अभी मुहैया नहीं कराई गई है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सीसीआई के आदेशों के खिलाफ मेटा के मंचों और व्हाट्सएप द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना आदेश सितंबर में सुरक्षित रख लिया था।
सीसीआई ने अपने आदेशों में निष्पक्ष व्यापार नियामक ने 2021 में किए गए व्हाट्सएप गोपनीयता नीति अपडेट के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीकों के लिए सोशल मीडिया कंपनियों पर जुर्माना लगाया था। दोनों प्रौद्योगिकी कंपनियों ने 2021 में किए गए व्हाट्सएप गोपनीयता नीति ‘अपडेट’ के संबंध में अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं के लिए सोशल मीडिया मंचों पर 213.14 करोड़ रुपये के जुर्माने को भी चुनौती दी थी।
भाषा निहारिका अजय
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