गुवाहाटी, तीन नवंबर (भाषा) जानेमाने बांसुरी वादक दीपक शर्मा का सोमवार को चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। उनके परिवार ने यह जानकारी दी।
वह 57 वर्ष के थे।
दीपक शर्मा पिछले कुछ वर्षों से लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले महीने उन्नत उपचार के लिए चेन्नई गए थे। उनके निधन की सूचना मिलने के बाद असम के सांस्कृतिक जगत में गहरा शोक छा गया।
शर्मा जानेमाने बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के शिष्य थे। उन्होंने भूपेन हजारिका और जुबिन गर्ग सहित असम के कुछ महान सांस्कृतिक हस्तियों के साथ काम किया था।
शर्मा ने न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में भी अपनी प्रस्तुतियां दीं। वह कई हिंदी और क्षेत्रीय फिल्मों से भी जुड़े रहे।
असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने शर्मा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, ‘असम ने एक प्रतिष्ठित संगीतज्ञ खो दिया है, जिनका भारतीय शास्त्रीय संगीत में, विशेष रूप से वैश्विक मंचों पर बांसुरी को लोकप्रिय बनाने में योगदान, पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।’
आचार्य ने कहा कि शर्मा की भावपूर्ण प्रस्तुतियों और संगीत कला के प्रति समर्पण ने राज्य और राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा, ‘उनका निधन संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।’
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि उन्हें प्रख्यात बांसुरी वादक के असामयिक निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बांसुरी वादक ने असमिया संगीत में बहुत योगदान दिया और बांसुरी को एक वाद्य यंत्र के रूप में लोकप्रिय बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘शोक संतप्त परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। ओम शांति।’’
भाषा अमित माधव
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