मुंबई, तीन नवंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) को अमेरिका में लगे उच्च शुल्क और बदलती भू-राजनीति की वजह से कर्ज लागत 0.25 प्रतिशत तक बढ़ जाने की आशंका है। बैंक के शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही।
बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) देबदत्त चंद ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि बैंक कुल ऋण बाजार में अपनी हिस्सेदारी के अनुरूप आवासीय ऋण खंड में हिस्सेदारी हासिल करने तक अपना कर्ज वितरण आक्रामक रूप से बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी शुल्क और भू-राजनीति जैसे बाह्य कारकों के बावजूद बैंक अपनी कुल ऋण लागत के अनुमान को 0.75 प्रतिशत पर ही बनाए हुए है, जब तक कि इन प्रभावों पर अधिक स्पष्टता नहीं मिल जाती है।
चंद ने कहा, “शुरुआती गणना के मुताबिक, शुल्क और भू-राजनीतिक घटनाओं का असर हमारी कर्ज लागत पर 0.20 से 0.25 प्रतिशत तक हो सकता है।”
उन्होंने कहा कि बैंक की विदेशी ऋण परिसंपत्तियां उसके कुल ऋण पोर्टफोलियो का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बैंक लगातार अपने ऋण खातों की निगरानी कर रहा है ताकि किसी संभावित तनाव की स्थिति का समय रहते पता लगाया जा सके।
उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रभावित क्षेत्रों के लिए सरकार राहत पैकेज की घोषणा करेगी और बैंक ऐसे मामलों में ‘संवेदनशील दृष्टिकोण’ अपनाएगा।
उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा आवासीय ऋण क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए आक्रामक विस्तार रणनीति जारी रखेगा।
चंद ने कहा, “जब तक आवासीय ऋण बाजार में हमारी हिस्सेदारी कुल ऋण बाजार हिस्सेदारी के बराबर नहीं हो जाती है, हम अपनी वृद्धि की रफ्तार बनाए रखेंगे।”
उन्होंने बताया कि आवासीय ऋण को बैंक के लिए लाभकारी सौदा बताते हुए कहा कि इस पोर्टफोलियो से मिलने वाला औसत प्रतिफल कॉरपोरेट ऋण से अधिक है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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