नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) उप नौसेना प्रमुख (डीसीएनएस) वाइस एडमिरल सोबती ने सोमवार को लगभग 30 देशों के समुद्री सुरक्षा विशेषज्ञों की एक सभा में कहा कि वैश्विक समुद्री चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सूचना साझा करना और समन्वित प्रयास आवश्यक हैं।
समुद्री सूचना साझाकरण कार्यशाला (एमआईएसडब्ल्यू) के तीसरे संस्करण के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में, वाइस एडमिरल सोबती ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) दुनिया भर के देशों की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, फिर भी यह “कई समुद्री चुनौतियों से घिरा हुआ है”।
तीन-दिवसीय कार्यक्रम सोमवार को गुरुग्राम स्थित सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) में शुरू हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैती, अनियमित मानव प्रवास, तस्करी, आईयूयू (अवैध, बिना जानकारी के और अनियमित) मछली पकड़ना, ‘हाइब्रिड’ समुद्री सुरक्षा खतरे और पर्यावरण क्षरण जैसे मुद्दे हमारी साझा सुरक्षा के लिए सदैव मौजूद रहने वाले खतरे हैं।”
सोबती ने कहा कि हाल ही में, पश्चिम एशिया में हुए घटनाक्रमों ने दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री अवरोध बिंदुओं में से एक में तनाव बढ़ा दिया है, जिससे “राज्येतर तत्वों द्वारा हमलों के प्रति वैश्विक नौवहन मार्गों की संवेदनशीलता” प्रदर्शित होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन घटनाओं और अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती के मामले के बढ़ने के साथ, हमारे लिए नये समुद्री खतरे के परिदृश्य के अनुकूल ढलने की जरूरत और भी बढ़ गई है। इन व्यवधानों के प्रभाव दूरगामी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लाल सागर में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण समुद्री यातायात के मार्ग में परिवर्तन के कारण मौसम संबंधी घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप माल की हानि हुई है और देरी हुई है।’’
डीसीएनएस ने कहा कि यह “वैश्विक समुद्री चुनौतियों के अंतर-संबध” को उजागर करता है तथा “समन्वित प्रयासों” की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
उन्होंने इस तरह के मंचों के महत्व पर बल दिया।
वाइस एडमिरल ने कहा, “हमें न केवल इन चुनौतियों का सामना करना होगा, बल्कि उनके संभावित प्रभावों का पूर्वानुमान भी लगाना होगा और उनके लिए तैयारी भी करनी होगी। क्षेत्रीय समुद्री गतिशीलता की गहरी समझ को बढ़ावा देकर और जानकारी साझा करके, हम समुद्री साझा संसाधनों की सुरक्षा के लिए अपनी सामूहिक क्षमता को मजबूत कर सकते हैं।”
इस वर्ष का एमआईएसडब्ल्यू ‘हिंद महासागर क्षेत्र में वास्तविक समय समन्वय और सूचना साझाकरण को बढ़ाना’ विषय के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है।
भाषा प्रशांत सुरेश
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