मुंबई, तीन नवंबर (भाषा) रुपया में लगातार तीसरे दिन गिरावट जारी रही और सोमवार को यह डॉलर के मुकाबले सात पैसे टूटकर 88.77 पर बंद हुआ, जो इसके सर्वकालिक निम्नतम स्तर के करीब है। डॉलर की मजबूती और विदेशी पूंजी की निकासी के कारण रुपये में यह गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच रुपये को निचले स्तरों पर समर्थन मिला।
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप से भी कुछ राहत मिली।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 88.73 प्रति डॉलर के भाव पर खुला और 88.80 के निचले स्तर तक चला गया। कारोबार के अंत में रुपया डॉलर के मुकाबले 88.77 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से सात पैसे की गिरावट दर्शाता है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल के आक्रामक रुख के बाद, रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले एक पैसे की गिरावट के साथ 88.70 पर बंद हुआ था। एक दिन पहले बृहस्पतिवार को यह 47 पैसे टूटा था।
घरेलू मुद्रा 14 अक्टूबर को डॉलर के मुकाबले 88.81 के अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुई थी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘भारतीय रुपया सोमवार को क्षेत्रीय मुद्रा की कमज़ोरी और डॉलर निकासी के कारण रिकॉर्ड निचले स्तर की ओर बढ़ गया। हालाँकि केंद्रीय बैंक ने कुछ राहत देने के लिए सत्र के मध्य में हस्तक्षेप किया, लेकिन अंततः डॉलर की मज़बूत माँग ने रुपया जोड़ी को सत्र के निचले स्तर तक धकेल दिया, और फिर मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ।’’
परमार ने कहा कि निकट भविष्य के तकनीकी चार्ट में 88.55 पर समर्थन और 89.25 पर प्रतिरोध दिखाया गया है।
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.16 प्रतिशत बढ़कर 99.96 पर पहुंच गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.22 प्रतिशत बढ़कर 64.87 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी के अनुसार, डॉलर इंडेक्स में मजबूती के कारण घरेलू मुद्रा पर दबाव बढ़ने से रुपया कमजोर कारोबार कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली ने गिरावट को और बढ़ा दिया, जबकि अमेरिकी बयानों से सकारात्मक संकेत मिले हैं जो भारत के साथ व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति का संकेत देते हैं। इस सप्ताह आईएसएम मैन्युफैक्चरिंग और नॉन-मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई सहित प्रमुख अमेरिकी आंकड़ों के जारी होने से पहले व्यापक धारणा सतर्क बनी हुई है, जो वैश्विक जोखिम उठाने की क्षमता और मुद्रा की गतिविधियों को और प्रभावित कर सकते हैं।’’
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 39.78 अंक बढ़कर 83,978.49 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 41.25 अंक बढ़कर 25,763.35 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 1,883.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
पाण्डेय
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