अहमदाबाद, तीन नवंबर (भाषा) गुजरात पुलिस की सीआईडी-अपराध शाखा ने लगभग 100 बैंक खातों का उपयोग करके दुबई के साइबर अपराधियों को 200 करोड़ रुपये भेजने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि एक विशिष्ट गोपनीय सूचना और उसके बाद की जांच के आधार पर, सीआईडी-अपराध शाखा के गांधीनगर स्थित साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने मोरबी, सुरेंद्रनगर, सूरत और अमरेली जिलों से महेंद्र सोलंकी, रूपेन भाटिया, राकेश लानिया, राकेश देकिवाडिया, विजय खंभाल्या और पंकज कथिरिया को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि एक ‘म्यूल’ खाता एक बैंक खाता होता है जिसका उपयोग अपराधी अवैध धनराशि प्राप्त करने, हस्तांतरित करने या उसे वैध बनाने के लिए करते हैं, जिसमें खाताधारक की जानकारी हो भी सकती है और नहीं भी।’
सीआईडी-अपराध की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘जांचकर्ताओं को इन आरोपियों से बरामद मोबाइल फोन से 100 से ज्यादा ‘म्यूल’ बैंक खातों का विवरण मिला है। ये लोग अलग-अलग राज्यों में सक्रिय साइबर अपराधियों को ‘म्यूल’ बैंक खाते उपलब्ध कराते थे और फिर धोखाधड़ी से अर्जित धन को अंगड़िया (नकद कूरियर सेवा) या क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर के जरिए दुबई स्थित अपराध गिरोह को भेज देते थे।’
केंद्रीय गृह मंत्रालय के ‘समन्वय’ पोर्टल पर विवरण की जांच करने पर पता चला कि 100 बैंक खातों का इस्तेमाल देश भर में दर्ज डिजिटल गिरफ्तारी, कार्य धोखाधड़ी, निवेश धोखाधड़ी, ऋण धोखाधड़ी और अंशकालिक नौकरी धोखाधड़ी जैसे 386 साइबर अपराधों में किया गया था, जिसमें पीड़ितों से 200 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘आरोपी एक खास कमीशन के लिए इन साइबर धोखेबाजों को पीड़ितों से पैसे स्वीकार करने में मदद करने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने पर सहमत हुए थे। आरोपी इन बैंक खातों से नकदी निकालते थे और इसे ‘अंगड़िया’ (पारंपरिक कूरियर) या क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर के जरिए दुबई स्थित अपराध गिरोहों को भेजते थे।’
भाषा सुमित नरेश
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