चिरमिरी/अंबिकापुर (छत्तीसगढ़), 30 अक्टूबर (भाषा) कश्मीरी टूरिस्ट गाइड नज़ाकत अहमद शाह ने कहा कि वह छत्तीसगढ़ के लोगों से बिना डरे घाटी आने का अनुरोध करते हैं। शाह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के दौरान राज्य के पर्यटकों के एक समूह को बचाया था।
पहलगाम आतंकी हमले की घटना के बाद छत्तीसगढ़ की पहली यात्रा पर शाह (30) का यहां के लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
कश्मीर के रहने वाले गाइड, शाह 22 अप्रैल को पहलगाम में थे, जब आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलियां चलाई थी। इस घटना में रायपुर के रहने वाले दिनेश मिरानिया सहित 26 लोग मारे गए तथा कई अन्य घायल हुए थे।
पहलगाम हमले के दौरान शाह छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के 11 पर्यटकों के समूह की मेहमान नवाजी कर रहे थे। इस समूह में चार दंपती और तीन बच्चे शामिल थे। इस समूह में भाजपा युवा मोर्चा के स्थानीय नेता अरविंद अग्रवाल, कुलदीप स्थापक, शिवांश जैन और हैप्पी वधावन के परिवार शामिल थे।
आतंकी हमले के दौरान शाह ने दो बच्चों को अपनी गोद में उठाया और समूह के अन्य सदस्यों को सुरक्षित जगहों पर निकाल ले जाने में सफल रहे थे।
शाह कश्मीर में एक टूरिस्ट गाइड के तौर पर काम करते हैं तथा वह हर सर्दियों में तीन महीने छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में शॉल और गर्म कपड़े बेचते हैं। उनका परिवार तीन दशकों से भी ज़्यादा समय से अविभाजित मध्यप्रदेश और बाद में छत्तीसगढ़ में व्यवसाय के लिए आता रहा है। इसके कारण शाह के छत्तीसगढ़ के कई स्थानीय परिवारों के साथ मजबूत रिश्ते बन गए हैं।
शाह इस महीने 22 अक्टूबर को अपने व्यवसाय के लिए चिरमिरी पहुंचे। इस दौरान, हमले में उन्होंने जिन परिवारों को बचाया था उनके सदस्य और अन्य स्थानीय लोगों ने उनका पटाखों, मालाओं और गुलदस्तों से स्वागत किया।
बृहस्पतिवार को अंबिकापुर (सरगुजा जिले में) में पीटीआई—भाषा से बात करते हुए शाह ने कहा, ”हम भाईचारे का रिश्ता बांटते हैं। यहां के लोग हमारे बड़े भाइयों जैसे हैं। हम सालों से व्यवसाय के लिए छत्तीसगढ़ आ रहे हैं, और यह घर जैसा लगता है। हमले के बाद हमने जिन लोगों को बचाया था, उनसे फोन पर संपर्क में थे, लेकिन अब उनसे मिलकर बहुत खास महसूस हो रहा है।”
शाह ने बताया कि शानदार स्वागत के बाद, उन्हें छठ पूजा समारोह के दौरान स्टेज पर सम्मानित भी किया गया।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ”हमें हमेशा इस क्षेत्र से प्यार मिला है क्योंकि यहां के कई लोग पहले कश्मीर यात्रा के दौरान हमारे घर पर रुके हैं। इस बार, हमें और भी ज़्यादा सम्मान दिया गया।”
शाह ने कहा कि अब वह ज़्यादा से ज़्यादा टूरिस्ट को कश्मीर आने के लिए बढ़ावा देना चाहते हैं।
शाह ने कहा, ”पिछले साल करीब दो करोड़ लोग पहलगाम आए थे, लेकिन इस साल (आतंकवादी हमले के बाद) लोगों की संख्या में काफी कमी आई है। हम यहां लोगों से कहेंगे कि वे बिना किसी डर के कश्मीर आएं। पहले से भी बेहतर स्वागत होगा। मैंने कई लोगों से कहा है कि वे कश्मीर की अपनी यात्रा रद्द न करें। मैंने उनसे कहा कि एक नहीं, बल्कि हज़ार नज़ाकत आपकी मेहमाननवाज़ी के लिए तैयार रहेंगे।”
शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत का मिलिट्री जवाब) की भी तारीफ करते हुए कहा, ”यह एक अच्छा कदम था। जो लोग गलत थे, उन्हें खत्म कर दिया गया। इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि जरूरत पड़ने पर भारत में जवाब देने की ताकत और काबिलियत है।”
बचाए गए पर्यटकों में से एक अग्रवाल ने कहा कि शाह की बहादुरी को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
अग्रवाल ने कहा, ”उन्हें दोबारा देखकर हम बहुत खुश हुए। करीब 50 लोगों ने फूलों और मालाओं से उनका स्वागत किया। मेरे परिवार और दोस्तों ने हमारी जान बचाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने हमारे साथ भोजन भी किया।”
भाषा सं संजीव रंजन
रंजन
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


