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अंबाला, 29 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान का उनका अनुभव अविस्मरणीय रहा और इस पहली उड़ान ने देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति उनमें गर्व की एक नयी भावना जागृत की है।
राष्ट्रपति मुर्मू दो लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बन गई हैं। इससे पहले उन्होंने वर्ष 2023 में सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी।
अंबाला वायुसेना स्टेशन पहला एयरबेस है, जहां फ्रांस की दसॉ एविएशन से खरीदे गए राफेल विमान पहुंचे थे।
सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति ने लगभग 30 मिनट तक विमान में सवारी की और करीब 200 किलोमीटर दूरी तय की। विमान 17वीं स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई।
राफेल विमान ने समुद्र तल से लगभग 15,000 फुट की ऊंचाई पर और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।
राष्ट्रपति ने बाद में आगंतुक पुस्तिका (विजिटर बुक) में लिखा, “ अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचकर वायुसेना के राफेल विमान में अपनी पहली उड़ान को लेकर मैं बहुत प्रसन्न हूं। राफेल में उड़ान भरना मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। इस शक्तिशाली विमान पर इस पहली उड़ान ने मेरे अंदर देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की एक नयी भावना जगाई है। मैं भारतीय वायुसेना और अंबाला वायुसेना स्टेशन की पूरी टीम को इस सफल आयोजन के लिए बधाई देती हूं।”
राष्ट्रपति को राफेल विमान और भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमताओं के बारे में भी जानकारी दी गई।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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