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Tuesday, 28 October, 2025
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पायलट संगठन का डीजीसीए से आग्रह, उड़ान ड्यूटी मानदंडों को लागू करने में न दें कोई छूट

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मुंबई, 28 अक्टूबर (भाषा) फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने मंगलवार को विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए से आग्रह किया कि वह विमान चालक दल के लिए नई उड़ान ड्यूटी और आराम अवधि मानदंडों को लागू करने में एयरलाइन कंपनियों को कोई छूट न दें।

एफआईपी ने कहा कि इस संबंध में छूट देने वाले किसी भी संचार या आदेश को तुरंत रद्द कर देना चाहिए।

देश में 5,000 से अधिक पायलट का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले संगठन ने यह भी कहा कि अगर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ऐसा करने में विफल रहता है तो वह कानूनी सहारा ले सकता है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीजीसीए को इन मानदंडों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद एयरलाइंस ने डीजीसीए द्वारा अनिवार्य नए उड़ान ड्यूटी और आराम मानदंडों को लागू करने पर सहमति जताई थी।

इन मानदंडों को दो चरणों में लागू किया जा रहा है। पहला चरण इस साल जुलाई से ही प्रभावी हो गया है। इन मानदंडों में साप्ताहिक विश्राम अवधि को बढ़ाकर 48 घंटे करना, रात्रिकालीन समय बढ़ाना और रात्रिकालीन लैंडिंग की संख्या को पहले के छह के मुकाबले केवल दो तक सीमित करना शामिल है।

इन दिशानिर्देशों का दूसरा चरण अगले महीने से लागू होना है। इसमें दो रात्रिकालीन लैंडिंग शामिल हैं।

सरकार ने नए मानदंडों की घोषणा के समय कहा था कि ये नियम थकान से संबंधित विमानन सुरक्षा जोखिमों का समाधान करने में सहायक हैं।

इंडिगो और एयर इंडिया सहित घरेलू एयरलाइन कंपनियों ने इन मानदंडों का विरोध किया था, लेकिन न्यायालय के निर्देशों के बाद वे मान गईं।

फेडरेशन ने डीजीसीए के महानिदेशक को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘भारतीय पायलट महासंघ, डीजीसीए से अनुरोध करता है कि वह सीएआर 2024 (एफडीटीएल विनियम) के कार्यान्वयन में एयरलाइंस को विस्तार या छूट देने वाले किसी भी संचार या निर्देश को तुरंत वापस ले या निरस्त करे।’’

एफआईपी ने कहा कि निर्धारित समयसीमा के भीतर उपरोक्त मानदंडों का पालन नहीं करने पर फेडरेशन डीजीसीए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जानबूझकर अवज्ञा और न्यायालय की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने के लिए बाध्य होगा।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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