पटना, 25 अक्टूबर (भाषा) बिहार में शनिवार को चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शीर्ष नेताओं ने विभिन्न हिस्सों में रैलियां की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और राजद नेता तेजस्वी यादव ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए तीन-तीन चुनावी रैलियां संबोधित की।
शाह ने खगड़िया, मुंगेर और नालंदा जिलों में सभाओं को संबोधित करते हुए “लालू जी के बेटे” यानी तेजस्वी यादव को सत्ता से दूर रखने की जरूरत पर जोर दिया।
तेजस्वी यादव को ‘इंडिया’ गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है।
वहीं 35 वर्षीय तेजस्वी ने खगड़िया जिले में दो और भोजपुर जिले में एक जनसभा को संबोधित किया।
दिन की शुरुआत एक विवाद से हुई, जब तेजस्वी ने आरोप लगाया कि खगड़िया में उनकी एक रैली स्थानीय प्रशासन ने इस आधार पर रद्द कर दी कि जिले में केंद्रीय गृह मंत्री का भी कार्यक्रम है और एकमात्र हेलीपैड पर दो हेलीकॉप्टरों की उतरने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
तेजस्वी ने आरोप लगाया, “यह सीधी तानाशाही है। चुनावों में व्यवस्थाएं बदलनी पड़ती हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि विपक्ष को इसलिए रैली की अनुमति न मिले क्योंकि सत्तापक्ष हेलीपैड इस्तेमाल करेगा।”
हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हुई और राजद नेता की सभाएं परबत्ता और अलौली विधानसभा क्षेत्रों में निर्धारित स्थानों पर हुईं जबकि शाह ने जिला मुख्यालय में राजग उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा की।
तेजस्वी की रैलियों में 20 वर्षों के राजग शासन में कथित भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी मुद्दों पर तेज हमले देखने को मिले।
तेजस्वी के समर्थकों को भीड़ में “बिहार का नायक” लिखे पोस्टर लहराते हुए देखा गया।
उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि तेजस्वी और उनके पिता दोनों भ्रष्टाचार मामलों में नामजद हैं और राजद शासन के 15 वर्ष “जंगलराज” के रूप में याद किए जाते हैं इसलिए उन्हें “खलनायक” कहा जाना चाहिए।
तेजस्वी के बड़े भाई और राजद से निष्कासित तेज प्रताप यादव अपने भाई की लोकप्रियता को लेकर कम उत्साहित दिखे।
तेजप्रताप ने ‘जनशक्ति जनता दल’ के नाम से अपनी पार्टी बनाई है।
उन्होंने कहा, “तेजस्वी की पहचान आज भी लालू जी की वजह से है। जब वे खुद मेहनत से मुकाम हासिल करेंगे, मैं सबसे पहले उनकी तारीफ करूंगा।”
तेज प्रताप महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जो राघोपुर से सटी है।
राजद और विधान परिषद के सदस्य मोहम्मद कारी सोहैब द्वारा वक्फ बिल को लेकर दिए गए विवादित बयान पर शनिवार को राजनीतिक घमासान छिड़ गया।
सोहैब ने एक रैली में कहा था कि अगर तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनते हैं, तो ‘‘सभी बिल फाड़ दिए जाएंगे, जिसमें वक्फ बिल भी शामिल है’’।
सोहैब ने खगड़िया जिला के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी और मौजूदा विधायक संजीव कुमार के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से ‘इंडिया’ गठबंधन को वोट देने की अपील की।
यह वीडियो भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने साझा किया और आरोप लगाया कि इससे “सरकारी जमीन पर कब्जा” करने की मंशा साफ होती है।
‘इंडिया’ गठबंधन में तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है, जबकि गठबंधन ने निषाद नेता व विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) अध्यक्ष मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने हालांकि घोषणा करते समय कहा था कि “अन्य सामाजिक व धार्मिक समूहों” से भी अधिक उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे लेकिन राजग नेताओं का आरोप है कि करीब 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी के बावजूद विपक्ष ने समुदाय की अनदेखी की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक लंबा बयान जारी करते हुए दावा किया कि राजग सरकार ने मुसलमानों के लिए पर्याप्त काम किया है जबकि विपक्ष ने उन्हें सिर्फ “वोट बैंक” समझा है।
भले ही कुमार भाजपा के साथ दशकों पुराने गठबंधन के बावजूद खुद को “धर्मनिरपेक्ष” छवि वाला नेता बताते हैं लेकिन उनकी बिगड़ती सेहत और टिकट वितरण में मुसलमानों को समुचित प्रतिनिधित्व न मिलने से अल्पसंख्यक समुदाय में नाराजगी की चर्चा है।
भाषा कैलाश जितेंद्र
जितेंद्र
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
