नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में विद्यार्थियों के दो समूहों के बीच झगड़े के बाद किशोरों के एक समूह ने एक निजी स्कूल के बाहर से 11वीं कक्षा के एक छात्र का कथित तौर पर बंदूक दिखाकर अपहरण करने की कोशिश की। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को चितरंजन पार्क थाने के प्रभारी एवं और पुलिस टीम ने तेजी से पीछा कर इलाके के पास ही संदिग्धों की कार रोक ली और अपहृत बच्चे को सुरक्षित बचा लिया।
अधिकारियों ने बताया कि इस सिलसिले में चार नाबालिगों को हिरासत में लिया गया और उनके पास से एक पिस्तौल और 20 कारतूस बरामद किए गए।
पुलिस के अनुसार 24 अक्टूबर को एक निजी स्कूल में मामूली कहासुनी बाद हिंसक झड़प में बदल गई। जिस छात्र को अगवा करने की कोशिश की गयी वह सीआर पार्क का निवासी है और उसने पुलिस को बताया कि उसके सहपाठी और एक अन्य छात्र के बीच झगड़ा हुआ था।
उसने पुलिस को बताया कि झगड़े के बाद एक आरोपी के बड़े भाई ने कथित तौर पर उसे और उसके दोस्तों को फोन करके जान से मारने की धमकी दी।
उसने पुलिस के सामने कहा, ‘‘उसने (एक आरोपी के भाई ने) हमें फ़ोन पर कहा कि उसने पहले भी हत्याएं की हैं और स्कूल के बाद वह मुझे मार डालेगा।’’
इस धमकी से परेशान छात्र ने अपने पिता को सूचना दी जो सीआर पार्क थाना पहुंचे और थाना प्रभारी को धमकी के बारे में बताया।
पुलिस ने बताया कि दोपहर करीब दो बजे, जब स्कूल की छुट्टी हुई, पीड़ित छात्र कैंपस से बाहर निकला और गेट के पास तीन एसयूवी कारें खड़ी देखीं। उनमें से एक काले रंग की थी और उस पर नंबर प्लेट लगी थी, जबकि बाकी दो पर कोई नंबर प्लेट नहीं थी।
पीड़ित ने अपने बयान में आरोप लगाया, ‘‘अचानक, आरोपी गाड़ियों से बाहर निकले। उन्होंने मेरा कॉलर पकड़ा, मेरी कमर पर पिस्तौल तान दी और मुझे जबरन अपनी स्कॉर्पियो में बिठा लिया। आरोपियों ने कहा कि वे मुझे नोएडा ले जा रहे हैं और मुझे इस तरह मार देंगे कि मेरी लाश भी न मिले।’’
हालांकि, पूर्व सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए, सीआर पार्क थाने के प्रभारी और उनकी टीम मौके पर पहुंची तथा वाहन का पीछा किया। पुलिस ने एक एसयूवी को रोककर छात्र को सुरक्षित बचा लिया। अधिकारियों ने बताया कि अन्य दो वाहन भागने में सफल रहे।
किशोर न्याय बोर्ड ने इस मामले में चार नाबालिगों को इस मामले में पूछताछ के लिए दो दिनों हेतु पुलिस की अभिरक्षा में भेज दिया है।
भाषा राजकुमार माधव
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