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Sunday, 12 October, 2025
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बिहार: भाजपा-जदयू 101-101 सीट,चिराग की पार्टी 29, मांझी और उपेंद्र की पार्टी 6-6 सीट पर लड़ेगी चुनाव

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पटना, 12 अक्टूबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने रविवार को सीट का बंटवारा अंतिम रूप से तय कर लिया, जिसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेगी। शेष सीट छोटे सहयोगी दलों के हिस्से में गई हैं।

इस संबंध में औपचारिक घोषणा जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और सांसद उपेन्द्र कुशवाहा ने ‘एक्स’ के जरिए की। पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीट मिली हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) कम से कम 15 सीट की मांग कर रही थी और उसे छह सीट दी गई हैं। राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी छह सीट मिली हैं।

यह पहला मौका है जब 2005 में राजद शासन के 15 वर्ष समाप्त कर सत्ता में आई जदयू और भाजपा के बराबर सीट पर चुनाव लड़ेगी। यह माना जा रहा है कि गठबंधन के भीतर भाजपा का राजनीतिक प्रभाव बढ़ा है और क्षेत्रीय सहयोगी जदयू का वर्चस्व कुछ कम हुआ है।

भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “राजग के सभी घटक दलों ने आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण माहौल में सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी की है। सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता इसका स्वागत करते हैं। बिहार एक बार फिर राजग सरकार के लिए तैयार है।”

पासवान, कुशवाहा और झा ने भी सीट बंटवारे को “सहमति से लिया गया निर्णय” बताया।

मांझी, जो सूत्रों के मुताबिक शुरू में इस फॉर्मूले से असंतुष्ट थे, ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं पटना लौट रहा हूं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अंतिम सांस तक रहूंगा।”

बाद में यहां संवाददाताओं से उन्होंने कहा, “हमें छह सीट मिली हैं। यह शीर्ष नेतृत्व का फैसला है और हम इसे स्वीकार करते हैं। हमें कोई शिकायत नहीं है। जब लोकसभा चुनाव 2024 में हमें एक सीट दी गई थी, तब भी हमने कोई असहमति नहीं जताई थी।”

चिराग पासवान की पार्टी को अधिक सीट मिलने के सवाल पर मांझी ने कहा, “यह शीर्ष नेतृत्व का निर्णय है।”

राजग के ज्यादातर घटक दलों ने 2020 के मुकाबले इस बार कम सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। केवल कुशवाहा की पार्टी अपेक्षाकृत नई है और पहली बार विधानसभा चुनाव में उतर रही है।

उपेंद्र कुशवाहा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “राजग सहयोगियों ने आपसी चर्चा के बाद सौहार्दपूर्ण माहौल में सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी की। हम सभी इस सर्वसम्मत निर्णय का स्वागत करते हैं।”

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “लोजपा (आर) को मिली 29 सीट बिहार की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत हैं। इसके लिए मैं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जी का आभार व्यक्त करता हूं, जिनके नेतृत्व, धैर्य और दृष्टि ने गठबंधन को एकजुट रखा।”

उन्होंने कहा, “चिराग पासवान जी के नेतृत्व में ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का संकल्प और भी मजबूत हुआ है।”

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने 115, भाजपा ने 110 और मांझी की हम ने सात सीट पर चुनाव लड़ा था। उस समय पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने गठबंधन से अलग होकर 135 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे।

मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने 2020 के विधानसभा चुनाव में राजग के घटक के तौर चार सीट पर चुनाव लड़ा था। वीआईपी राजग में थी, अब ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है।

बताया जाता है कि इस बार जदयू ने भाजपा से अधिक सीट नहीं मांगी, क्योंकि 2020 में उसके प्रदर्शन में गिरावट आई थी । तब उसे 43 सीट पर जीत मिली थी, जबकि भाजपा ने 74 सीट जीती थीं। हालांकि उस समय की हार का ठीकरा पासवान की बगावत पर फोड़ा गया था।

पासवान की उस बगावत को भाजपा की “मौन सहमति” प्राप्त होने की अटकलें भी चली थीं, जिसके चलते नीतीश कुमार कुछ समय के लिए गठबंधन से अलग हो गए थे।

बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

भाषा कैलाश

राजकुमार

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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