नागांव, 12 अक्टूबर (भाषा) झारखंड में आईईडी विस्फोट में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के हेड कांस्टेबल महेंद्र लस्कर का अंतिम संस्कार असम के नागांव जिला स्थित उनके पैतृक गांव में रविवार को किया गया।
‘परिष्कृत विस्फोटक उपकरण’ (आईईडी) का इस्तेमाल बम के रूप में किया जाता है।
सीआरपीएफ अधिकारियों ने आज दिन में ही लस्कर के पार्थिव शरीर को कामपुर क्षेत्र के कुवारीआती गांव में उनके परिजन को सौंप दिया।
पार्थिव शरीर को यहां लाए जाने के बाद बीच गांव में मातम का माहौल था और लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए कतारों में खड़े थे।
विधायक जीतू गोस्वामी और शशिकांत दास, नागांव जिला आयुक्त देवाशीष शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) स्वप्ननील डेका और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक वीरेंद्र कुमार सहित अन्य लोग अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्माा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘झारखंड में कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नागांव निवासी सीआरपीएफ के बहादुर एचसी/जीडी महेंद्र लस्कर के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। राष्ट्र उनके बलिदान को सदैव याद रखेगा।’’
लस्कर शुक्रवार को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में ‘परिष्कृत विस्फोटक उपकरण’ (आईईडी) का इस्तेमाल करके किये गये दो विस्फोटों में में दो अन्य व्यक्तियों के साथ घायल हो गए थे।
ओडिशा के राउरकेला के एक अस्पताल में इलाज के दौरान शनिवार को उनकी मृत्यु हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि ये आईईडी प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाए जाने के लिए लगाए गए थे।
भाषा यासिर संतोष
संतोष
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