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Saturday, 11 October, 2025
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भारत को आत्मनिर्भर बनाना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है: राष्ट्रपति मुर्मू

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(तस्वीरों के साथ)

अहमदाबाद, 11 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं से राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ ‘मेड-इन-इंडिया’ उत्पादों को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने का शनिवार को आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि देश को आत्मनिर्भर बनाना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है।

मुर्मू यहां आश्रम रोड पर महात्मा गांधी द्वारा स्थापित डीम्ड विश्वविद्यालय गुजरात विद्यापीठ के 71वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं।

संकाय सदस्यों और उपाधि प्राप्त करने वाले 713 विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि महात्मा गांधी ने अक्टूबर 1920 में इस संस्थान की स्थापना से लेकर जनवरी 1948 में अपने निधन तक इसके कुलाधिपति के रूप में कार्य किया।

उन्होंने उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों से भारत को एक विकसित देश बनाने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अग्रणी स्थान हासिल करने में मदद करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत को आत्मनिर्भर बनाना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है। आप सभी को स्वदेशी अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी होगी और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना होगा।’’

मुर्मू ने छात्रों से कहा कि किसी को केवल आजीविका कमाने के उद्देश्य से शिक्षा प्राप्त नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा एक आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। मुझे उम्मीद है कि आप अपने व्यक्तित्व के विकास, समाज की प्रगति और देशवासियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए ज्ञान प्राप्ति को महत्व देते रहेंगे।’’

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि क्योंकि देश और समाज भी उनकी शिक्षा में योगदान देता है, इसलिए वे समाज की सेवा करके इस ऋण को चुका सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आप समाज के वंचित वर्गों के लिए काम करेंगे।’’

अपने संबोधन में मुर्मू ने गुजरात और वहां के लोगों की उद्यमशीलता की भावना की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात हमेशा से स्वरोजगार के लिए जाना जाता रहा है। गुजरात के उद्यमियों ने न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ी है। विदेशों में सफल प्रवासी भारतीयों में बड़ी संख्या में गुजराती भी शामिल हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप उसी वैश्विक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें जो गुजरात की पहचान रहा है।’’

उन्होंने कहा कि गुजरात में स्व-रोजगार और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने की संस्कृति को पूरे देश में फैलाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि विश्वविद्यालय के सभी छात्र आत्मनिर्भरता की इस संस्कृति के वाहक जरूर बनेंगे।’’

इस कार्यक्रम के साथ ही मुर्मू की राज्य की तीन दिवसीय यात्रा संपन्न हो गई है।

इससे पहले दिन में उन्होंने द्वारका शहर के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना की।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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