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Saturday, 11 October, 2025
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कांग्रेस नेताओं ने हरियाणा के दिवंगत आईपीएस अधिकारी के परिवार से मुलाकात की

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चंडीगढ़, 11 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस नेताओं ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी वाई. पूरण कुमार की ‘‘आत्महत्या’’ को लेकर शनिवार को हरियाणा की भाजपा सरकार की आलोचना की और कहा कि इस घटना ने देश की आत्मा को ‘‘झकझोर’’ दिया है।

रणदीप सिंह सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा और चरणजीत सिंह चन्नी सहित हरियाणा और पंजाब के कई कांग्रेस नेताओं ने कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।

अमनीत, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की वरिष्ठ अधिकारी हैं।

आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार (52) ने मंगलवार को सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी। वह 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने एक ‘सुसाइड नोट’ भी छोड़ा है।

सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आईपीएस अधिकारी की ‘‘आत्महत्या’’ ने देश की आत्मा को झकझोर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक हृदय विदारक घटना है।’’ सुरजेवाला ने आश्चर्य व्यक्त किया कि अगर एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के मामले में न्याय सुनिश्चित नहीं हो सकता, तो आम लोगों का क्या होगा।

उन्होंने कहा कि यदि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को जातिगत भेदभाव और व्यवस्था द्वारा भेदभाव का सामना करने के बाद आत्महत्या करनी पड़ती है, तो देश में, विशेषकर हरियाणा में मौजूदा परिस्थितियों की कल्पना आसानी से की जा सकती है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘क्या कारण है कि एक एडीजीपी (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) रैंक के अधिकारी को पुलिस थाना कॉप्लेक्स स्थित मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, उनकी छुट्टी समय पर स्वीकृत नहीं की गई, जिस कारण वह अपने पिता के निधन से पहले उनसे मिलने नहीं जा सके? जब उन्होंने जाति के आधार पर भेदभाव को उजागर करते हुए अधिकारियों को पत्र लिखा, तो सरकार के पास कोई जवाब नहीं था।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ऐसी परिस्थितियां पैदा की गईं कि पुलिस अधिकारी आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया।’’

कुमार के शव को उनके परिवार से परामर्श किए बिना यहां स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) ले जाने का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘‘जो हुआ वह अमानवीय और अस्वीकार्य है।’’

उन्होंने कहा कि दिवंगत अधिकारी की पत्नी और बच्चों की अनुमति या सहमति के बिना शव को सेक्टर-16 अस्पताल के शवगृह से पीजीआईएमईआर ले जाना ‘‘अपराध’’ है।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘क्या दिवंगत अधिकारी की दोनों बेटियों को अपने पिता के अंतिम दर्शन करने का भी अधिकार नहीं है? क्या सरकार इसे भी मना करना चाहती है? सेक्टर-16 के सरकारी अस्पताल से शव ले जाने से पहले अधिकारियों ने किससे पूछा था? क्या सरकार और प्रशासन इसका जवाब दे पाएंगे?’’

सुरजेवाला ने कहा कि अगर दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक शीर्ष अधिकारी के परिवार के साथ ऐसा व्यवहार किया जा सकता है, तो देश में मौजूदा स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सरकार जागेगी और दिवंगत अधिकारी के परिवार को न्याय दिलाएगी।’’

कुमार के परिवार के सदस्यों ने शनिवार को दावा किया कि उनसे परामर्श किये बिना ही शव को पीजीआईएमईआर स्थानांतरित कर दिया गया।

हुड्डा ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

उन्होंने कहा कि देश दिवंगत अधिकारी के परिवार के लिए न्याय चाहता है और यह तभी संभव है जब निष्पक्ष जांच हो और आरोपियों को सजा मिले।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम इस दुख की घड़ी में दिवंगत अधिकारी के परिवार के साथ हैं और न्याय मिलने तक लड़ेंगे।’’

चन्नी ने हरियाणा के अधिकारी की मौत को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला और कहा कि उनके परिवार को न्याय मिलना चाहिए।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह (कुमार) दलितों के अधिकारों के लिए लड़ते थे और उन्होंने अपनी जान भी दे दी। पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनके परिवार को न्याय नहीं मिला है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से कुमार के सेक्टर 24 स्थित घर का दौरा कर रहे हैं और परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

चन्नी ने कहा, ‘‘परिवार क्या मांग कर रहा है? उनकी मांग है कि जिन लोगों ने उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया, उन्हें गिरफ्तार किया जाए और सजा दी जाए। हम परिवार के साथ हैं और न्याय मिलने तक लड़ेंगे।’’

इस बीच, अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों ने संवाददाताओं को बताया कि कुमार के परिवार द्वारा उठाई गई मांगों और चिंताओं का अधिकारियों द्वारा समाधान सुनिश्चित करने के लिए 31 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

भाषा सुभाष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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