नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) नीति आयोग ने शुक्रवार को कहा कि स्वैच्छिक अनुपालन, पारदर्शिता और निष्पक्षता सहित विश्वास आधारित शासन के लिए एक आधुनिक कर ढांचा स्थापित करने की जरूरत है।
आयोग ने ‘भारत के कर रूपांतरण की ओर: अपराध-मुक्त करने और विश्वास-आधारित शासन’ शीर्षक वाले एक कार्य पत्र में यह बात कही।
इसमें आगे कहा गया कि भारतीय कर ढांचे को 2047 तक विकसित भारत बनाने और विकास, समावेशन तथा विश्वास के सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए।
इसमें यह भी कहा गया कि कारोबारी सुगमता और जीवनयापन में आसानी को बढ़ाने के लिए एक आधुनिक, पूर्वानुमानित और नागरिक केंद्रित कर प्रणाली जरूरी है।
आयोग के अनुसार सरकार को ”पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान” और जन विश्वास अधिनियम (2023) जैसे मंचों पर ध्यान देना चाहिए, जिसका मकसद अनुपालन बोझ को कम करना है।
आयोग ने यह भी बताया कि अपराधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए और समय-समय पर उनकी समीक्षा की जानी चाहिए।
पत्र में यह भी कहा गया कि सजा की गंभीरता अपराध की गंभीरता के अनुसार होनी चाहिए, ताकि छोटे-मोटे उल्लंघनों के लिए अत्यधिक दंड से बचा जा सके।
भाषा पाण्डेय
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