चंडीगढ़, नौ अक्टूबर (भाषा) चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले हरियाणा पुलिस के अधिकारी वाई पूरन कुमार के ‘‘लिखे अंतिम नोट’’ में पिछले कुछ साल में उनके द्वारा झेले गए ‘‘मानसिक उत्पीड़न’’ एवं अपमान का जिक्र किया गया है और कुछ ‘‘वरिष्ठ अधिकारियों’’ के नाम बताए गए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
वाई. पूरन कुमार 2001 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थे और वह मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास में मृत पाए गए थे। सेक्टर 11 स्थित उनके आवास के भूमिगत तल के एक कमरे में उनका शव मिला। शव पर गोली लगने के निशान थे।
पूरन कुमार (52) अधिकारियों के अधिकारों, वरिष्ठता और अन्य मुद्दों से संबंधित मामलों में अपने हस्तक्षेप के लिए जाने जाते थे। उन्हें हाल में रोहतक के सुनारिया में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) के महानिरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था।
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की एक टीम ने भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त कर लिए हैं, जिनमें वह हथियार भी शामिल है जिसका इस्तेमाल पूरन कुमार ने कथित तौर पर खुद को गोली मारने के लिए किया था।
उन्होंने बताया कि घटनास्थल से एक ‘‘वसीयत’’ और एक ‘‘आखिरी नोट’’ भी मिला है, जिसे जब्त कर लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि कुमार ने आठ पन्नों का टाइप किया हुआ और हस्ताक्षरित ‘‘अंतिम नोट’’ छोड़ा है, जिसका शीर्षक उन्होंने ‘‘हरियाणा के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अगस्त 2020 से जाति आधारित लगातार घोर भेदभाव, निशाना बनाकर किया गया मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार, जो अब असहनीय है’’ दिया है।
उन्होंने बताया कि नोट में कुछ अधिकारियों के नाम लेते हुए उनकी भूमिका का विवरण दिया गया है और आरोप लगाया गया है कि उनसे जुड़े हर मामले में जाति आधारित भेदभाव, उनका सार्वजनिक अपमान, उन्हें निशाना बनाकर मानसिक उत्पीड़न और अत्याचार किया जाना जारी है।
इसके अलावा, उन्होंने कथित तौर पर उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से अज्ञात और छद्म अज्ञात शिकायतें दर्ज कराए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों ने इस तरह की शिकायतों के आधार पर उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित और शर्मिंदा किया तथा उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।
सूत्रों के अनुसार, अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले कुमार ने बताया कि उनके जैसे अधिकारियों के खिलाफ इस तरह के लक्षित प्रतिशोधात्मक और बदले की भावना से मानसिक उत्पीड़न, अपमान और अत्याचार की यह पराकाष्ठा है। उन्होंने कुछ अधिकारियों के नाम भी लिए जो अपने आधिकारिक पदों और अधिकारों का खुलेआम दुरुपयोग कर रहे हैं जिसके चलते वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हुए।
सूत्रों ने बताया कि कुमार ने यह भी बताया कि उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें की थीं, लेकिन प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुसार उनकी जांच तक नहीं की गई।
वाई. पूरन कुमार की नौकरशाह पत्नी अमनीत पी. कुमार जापान से चंडीगढ़ लौटीं। वह जापान गए हरियाणा सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं। पूरन कुमार की पत्नी ने बुधवार को पुलिस में दर्ज शिकायत में दावा किया कि उनके पति की मौत उच्च पदस्थ अधिकारियों के ‘‘सुनियोजित उत्पीड़न’’ का परिणाम थी।
उन्होंने न्याय मिलने तक मृतक का पोस्टमार्टम कराने से कथित तौर पर इनकार कर दिया।
चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले में उनका बयान दर्ज किया।
भाषा सिम्मी सुरभि
सिम्मी
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