लखनऊ, आठ अक्टूबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को लखनऊ नगर निगम और राज्य सरकार को राजधानी स्थित सहारा शहर को सील करने के आदेश को चुनौती देने के लिए सहारा इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर 30 अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर में 170 एकड़ में फैली सहारा टाउनशिप को लखनऊ नगर निगम ने पट्टा और लाइसेंस समझौतों के कथित उल्लंघन के कारण सील कर दिया है। इस मुद्दे पर सहारा समूह ने आपत्ति जताई है। उसने हाल ही में सीलिंग आदेश के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की पीठ ने सहारा इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा दायर रिट याचिका पर बुधवार को यह आदेश पारित किया।
मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद पीठ ने कहा कि इस मामले पर विचार-विमर्श की जरूरत है और इसलिए पक्षकारों को मामले में अपनी दलीलें साझा करने का निर्देश दिया गया है।
सहारा इंडिया ने सहारा शहर स्थित भूमि पर कब्जा करने और उसके सभी छह द्वारों को सील करने के नगर निगम के रुख का कड़ा विरोध किया। उसने कहा कि सहारा शहर के अंदर स्थित संपत्तियों और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की कोई सूची तैयार नहीं की गई थी। पूरी कार्रवाई बिना सुनवाई का उचित अवसर दिये और परिसर खाली करने के लिए नोटिस जारी किये बगैर जल्दबाजी में की गई।
नगर निगम के अधिवक्ता ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सहारा इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 1994 में दिए गए लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन किया गया था। इसके लिए उसे 2020 और 2025 में भी नोटिस जारी किए गए थे और सुनवाई का उचित अवसर दिए जाने के बाद परिसर को सील करने की कार्रवाई की गई है।
भाषा सं सलीम मनीषा
मनीषा
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