नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) दिव्यांग कर्मचारियों के प्रति पूर्वाग्रह की चिंताओं के बीच, केंद्र ने उन्हें उच्च-गुणवत्ता वाले सहायक उपकरण प्रदान करने का निर्णय लिया है ताकि वे उत्पादकता के लिहाज से सक्रिय रह सकें।
यह कदम इन टिप्पणियों के बाद उठाया गया है कि कुछ विभाग उत्पादकता में कमी की आशंकाओं के कारण दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपने में हिचकिचाते हैं।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने एक नए निर्देश में कहा है, ‘‘यदि दिव्यांग कर्मचारियों को उचित सहायक उपकरण दिए जाएं, तो वे उत्पादक और मूल्यवान बन सकते हैं।’’
इसमें यह भी कहा गया है कि उनके पारिश्रमिक पर किए गए खर्च के साथ न्याय के लिए, ऐसे कर्मचारियों के ‘‘उत्पादक रूप से सक्रिय रहने की आवश्यकता है’’।
निर्देश में सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से दिव्यांग कर्मचारियों को उच्च-गुणवत्ता वाले, प्रौद्योगिकी-आधारित सहायक उपकरण प्रदान करने का आग्रह किया गया है ताकि वे अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से और दूसरों के बराबर निर्वहन कर सकें।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 का हवाला देते हुए, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने मंत्रालयों को याद दिलाया कि ऐसे उपकरणों का प्रावधान उचित समायोजन के सिद्धांत द्वारा निर्देशित होना चाहिए, जो नियोक्ता पर असमान बोझ डाले बिना दिव्यांग कर्मचारियों को समान रूप से काम करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक और उचित संशोधन सुनिश्चित करता है।
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
